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कांग्रेस के समय महिला आरक्षण बिल कभी भी लोकसभा में चर्चा के लिए नहीं आया: अर्जुन राम मेघवाल

लोकसभा में मोदी सरकार द्वारा महिला आरक्षण विधेयक यानी नारी शक्ति वंदन अधिनियम पेश करने के बाद से ही यह...
कांग्रेस के समय महिला आरक्षण बिल कभी भी लोकसभा में चर्चा के लिए नहीं आया: अर्जुन राम मेघवाल

लोकसभा में मोदी सरकार द्वारा महिला आरक्षण विधेयक यानी नारी शक्ति वंदन अधिनियम पेश करने के बाद से ही यह चर्चा का विषय बना हुआ है। पक्ष विपक्ष की तरफ से अलग अलग बयान सामने आए हैं। अब केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि अपनी सरकार के समय में सत्ता सुख भोग रही कांग्रेस महिला आरक्षण बिल कभी भी लोकसभा में चर्चा के लिए नहीं लाई।

मेघवाल ने कहा, "कांग्रेस के समय में महिला आरक्षण बिल कभी भी लोकसभा में चर्चा के लिए नहीं आया। जब बीजेपी विपक्ष में थी तो हम सरकार से इस बिल की मांग करते रहे, लेकिन सत्ता का सुख भोग रही कांग्रेस कभी यह बिल नहीं लाई।" सोशल मीडिया पर मेघवाल ने यह भी कहा कि नारी शक्ति वंदन विधेयक भारत को विकसित भारत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इससे पहले, महिला आरक्षण विधेयक पर लोकसभा को संबोधित करते हुए मेघवाल ने इसकी प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डाला और कहा "यह विधेयक महिलाओं की गरिमा के साथ-साथ अवसरों की समानता को भी बढ़ाएगा। महिलाओं को प्रतिनिधित्व मिलेगा।"

दरअसल, मंगलवार को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने नए संसद भवन में लोकसभा की पहली बैठक में यह विधेयक पेश किया। इस विधेयक का नाम "नारी शक्ति वंदन अधिनियम" रखा गया है।

सदन में विधेयक पेश करते हुए मंत्री ने कहा था, "यह विधेयक महिला सशक्तिकरण के संबंध में है। संविधान के अनुच्छेद 239एए में संशोधन करके, दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित की जाएंगी। अनुच्छेद 330ए लोक सभा में एससी/एसटी के लिए सीटों का आरक्षण।"

अर्जुन मेघवाल ने कहा था कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित होने के बाद लोकसभा में महिलाओं की सीटों की संख्या 181 हो जाएगी। पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने भी मंगलवार को कहा था कि महिला आरक्षण विधेयक का आना देश के इतिहास में एक परिवर्तनकारी क्षण है।

अश्विनी कुमार ने कहा, "महिला आरक्षण विधेयक का परिचय और आसन्न पारित होना देश के इतिहास में एक परिवर्तनकारी क्षण है। विधायिकाओं में महिला आरक्षण महिलाओं को सशक्त बनाएगा और देश की लोकतांत्रिक इमारत को मजबूत करेगा"।

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