बुधवार की देर शाम को राज्य सभा टीवी ने नागरिकता संशोधन िवधेयक पर बहस का सीधा प्रसारण उस समय रोक दिया जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ विपक्षी नेताओं ने धक्का-मुक्की शुरू की। सदन में उस समय माहौल तनावपूर्ण हो गया जब शाह ने कहा कि भाजपा सरकार असम के लोगों के अधिकारों की रक्षा करेगी।
जब राज्य सभा में अप्रिय माहौल बन गया
राज्य सभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू के निर्देश पर शाह ने सदन के पटल पर विधेयक पेश किया। विधेयक पेश करते हुए वह जब असम के लोगों के अधिकारों की सुरक्षा का आश्वासन दे रहे थे, उसी समय यह अप्रिय घटना हुई। माहौल खराब होने पर राज्य सभा टीवी ने कार्यवाही का सीधा प्रसारण थोड़ी देर के लिए रोक दिया।
शाह ने आश्वासन दिया तो विपक्षी सदस्यों ने धक्कामुक्की की
तमाम आशंकाओं और आरोपों को खारिज करते हुए शाह ने कहा कि भाजपा सरकार असम के लोगों के अधिकारों की पूरी सुरक्षा करेगी। यह सुनते ही विपक्षी सदस्य खासे उत्तेजित हो गए और वे शाह के पास पहुंच गए और उनके साथ धक्का-मुक्की करने लगे।
नायडू ने विपक्षियों को चेतावनी दी
माहौल खराब होते देख नायडू ने विपक्षी सदस्यों को कार्यवाही में व्यवधान न डालने की चेतावनी दी। नायडू ने सदस्यों को नामित करने की चेतावनी दे डाली। यह इस तरह की कार्यवाही होती है जिसमें नामित सदस्य को दिन भर की कार्यवाही से निकालने की व्यवस्था है।
रिकॉर्ड में न लेने पर प्रसारण रोक दिया
नायडू ने चेतावनी देने के साथ ही इस पूरी घटना को रिकॉर्ड में न लेने का आदेश दिया। इसके तुरंत बाद राज्य सभा टीवी ने सीधा प्रसारण रोक दिया। आरएसटीवी के सूत्रों के अनुसार सभापति जब लाल बत्ती का बटन दबाते हैं तो प्रसारण रोक दिया जाता है। थोड़ी देर के बाद आरएसटीवी का सीधा प्रसारण दोबारा शुरू हो गया और सदन की नियमित कार्यवाही दिखाई देने लगी जिसमें शाह बोल रहे थे।