गडकरी ने राज्यसभा में दिए व्यक्तिगत स्पष्टीकरण में कहा, मैं सदन को बताना चाहता हूं कि कैग की रिपोर्ट में न कहीं मेरे उपर भ्रष्टाचार का कोई आरोप है और न ही मेरे खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणी की गयी है। पूर्ति साखर कारखाना के संबंध में भी इस रिपोर्ट में किसी अनियमितता अथवा भ्रष्टाचार की कोई बात नहीं है। उन्होंने यह स्वीकार किया कि वह इस पूर्ति साखर कारखाने से वर्ष 2000 से 2011 के बीच बतौर अध्यक्ष जुड़े थे।
गडकरी ने कहा, मैं कैग जैसी संवैधानिक संस्था का सम्मान करता हूं। लेकिन कैग की रिपोर्ट के तथ्यों को जानबूझ कर तोड़-मरोड कर अपने राजनीति स्वार्थ के लिए कुछ सदस्यों द्वारा देश की जनता को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा, लोकलेखा समिति इस रिपोर्ट पर उपयुक्त समय पर विधिवत बहस करेगी। यदि लोकलेखा समिति में इस मामले में किसी भी प्रकार की अनियमितता सिद्ध होती है तो कानून अपना काम करेगा।
उन्होंने कहा कि कैग की यह रिपोर्ट इंडियन रिन्यूवेबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (इरडा) द्वारा 29 कंपनियों को ऋण दिए जाने में अपनाई गई प्रतिक्रिया के तहत निबटाए गए थे। उन्होंने कहा कि कैग की रिपोर्ट में ऋण के किसी भी प्रकार से गलत इस्तेमाल, हेराफेरी या फिर भ्रष्टाचार की बात नहीं कहीं गई है।