बुधवार को लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा के दौरान कटाक्ष भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे को टोकने पर गृह मंत्री अमित शाह ने कटाक्ष किया। शाह ने कहा कि क्या पुरुष महिलाओं के लिए नहीं बोल सकते।
दरअसल,लोकसभा में नारी शक्ति वंदन अधिनियम पर कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी की टिप्पणी के बाद बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे बोलने के लिए खड़े हुए। इतने में अधीर रंजन चौधरी और विपक्ष के अन्य सांसद इस बात पर जोर देने लगे कि सरकार को बोलने के लिए एक महिला सांसद को नामित करना चाहिए था।
इसलिए सदन में थोड़ी देर हंगामा भी हो गया। बहरहाल, बाद में अमित शाह ने हस्तक्षेप किया और दुबे के भाषण को बाधित करने के लिए अधीर रंजन चौधरी पर निशाना साधा और कहा कि उन्हें "ईर्ष्या" हो रही होगी क्योंकि उन्हें पहले बोलने का मौका नहीं मिला।
गृह मंत्री ने कहा, "मैं अधीर रंजन जी से पूछना चाहता हूं कि क्या महिलाएं ही महिलाओं की चिंता करेंगी, क्या पुरुष उनके लिए नहीं बोल सकते? आप किस तरह का समाज बनाना चाहते हैं? महिला कल्याण, महिलाओं की चिंता। भाइयों को एक कदम आगे रहना चाहिए। वह इस देश की परंपरा है।"
"महिलाओं के कल्याण के बारे में सोचने का अधिकार सभी को है। और जब निशिकांत जी हमारी तरफ से बोलने के लिए खड़े हुए, तो उनकी (चौधरी की) आपत्ति क्या थी? शायद इसलिए कि उन्हें पहले बोलने का मौका नहीं मिला, उन्हें थोड़ी जलन हो रही है।"
बता दें कि विधेयक को पहले केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सदन में पारित करने के लिए पेश किया था। यह विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया, जो नये संसद भवन में सदन की पहली बैठक थी।
विधेयक पर बहस की शुरुआत करने वाली सोनिया गांधी ने अपनी पार्टी का समर्थन बढ़ाया और इसके तत्काल कार्यान्वयन की मांग की। उन्होंने कहा कि बिल को लागू करने में देरी देश की महिलाओं के साथ अन्याय है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि विधेयक को 21 सितंबर को राज्यसभा में चर्चा के लिए रखा जाएगा।