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नागरिकता संशोधन विधेयक राज्य सभा से पारित, सोनिया ने संविधान के इतिहास का काला दिवस बताया

पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने के लिए...
नागरिकता संशोधन विधेयक राज्य सभा से पारित, सोनिया ने संविधान के इतिहास का काला दिवस बताया

पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने के लिए नागरिकता संशोधन विधेयक आज देर शाम राज्य सभा से भी पारित हो गया। इसके साथ ही इस विधेयक ने विधायी प्रक्रिया पूरी कर ली है। राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ ही यह विधेयक कानून के तौर पर लागू हो जाएगा।

विधेयक पारित होने पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि आज संविधान के इतिहास का काला दिवस है। राज्यसभा से विधेयक का पारित होना देश की विविधतापूर्ण संस्कृति पर संकुचित मानसिकता और कट्टरतावादी ताकतों की विजय के समान है।

विधेयक पर साढ़े छह घंटे तक चली बहस के जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह विधेयक इन तीन देशों के उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए लाया गया है, न कि किसी की नागरिकता छीनने के लिए। उन्होंने विपक्ष के इन आरोपों को खारिज कर दिया कि यह विधेयक मुस्लिमों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को डरने की कोई जरूरत नहीं है।

सरकार को इन पार्टियों के भी वोट मिले

विधेयक के पक्ष में 125 वोट पड़े जबकि इसके खिलाफ 105 वोट पड़े। विधेयक को भाजपा और जदयू और एसएडी जैसे उसके सहयोगियों के अलावा एआइएडीएमके, बीजेडी, टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस ने भी समर्थन दिया। वोटिंग के दौरान शिवसेना ने इस मतदान से वाक आउट किया। इससे पहले विधेयक सेलेक्ट कमेटी को भेजने का प्रस्ताव राज्यसभा में खारिज हो गया। कमेटी के पास भेजने के प्रस्ताव खिलाफ 124 वोट पड़े जबकि इसके पक्ष में 99 वोट पड़े।  विधेयक में संशोधन के लिए कुल 14 प्रस्ताव दिए गए।

राज्यसभा में टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन के प्रस्ताव पर मत विभाजन किया गया। उनकी मांग पर हुई वोटिंग में उनका संशोधन प्रस्ताव गिर गया है। उनके प्रस्ताव के खिलाफ 116 वोट पड़े जबकि उनके पक्ष में 96 वोट पड़े। टीएमसी का एक अन्य संशोधन प्रस्ताव भी गिर गया। इसके विरोध में 124 वोट पड़े जबकि इसके पक्ष में 98 वोट मिले।

नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि दूसरे देशों के मुस्लिमों को भारत में नागरिकता के लिए आवेदन करने का अधिकार है। प्रस्तावित विधेयक कानून बनने के बाद पश्चिम बंगाल सहित पूरे देश में लागू होगा। उन्होंने यह भी कहा कि बिल पारित होने के बाद किसी को भी डिटेंशन कैंप में नहीं रहना होगा।

ऐतिहासिक गलती सुधारने के लिए बिलः शाह

चर्चा में हिस्सा लेते हुए शाह ने कहा कि ऐतिहासिक गलती की वजह से यह विधेयक लाने की आवश्यकता पड़ी। उन्होंने कहा कि देश के बंटवारे और अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान करने में पाकिस्तान की नाकामी की वजह से यह बिल लाना पड़ा है। उन्होंने कहा कि कपिल सिब्बल और आनंद शर्मा के वक्तव्यों के बाद भी वह फिर से कहते हैं कि बंटवारा धर्म के आधार पर हुआ। बंटवारे से पैदा हुई समस्याओं को सुलझाने के लिए यह विधेयक पेश किया गया है। अगर पिछली सरकारों ने समस्या दूर करने के लिए कदम उठाया होता तो मौजूदा सरकार को यह कदम नहीं उठाना पड़ता।

शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार सिर्फ देश चलाने के लिए नहीं बल्कि गलतियों को दूर करने के लिए है। अगर यह विधेयक 50 साल पहले पेश किया गया होता तो आज समस्या इतनी गंभीर नहीं होती।

लोकसभा से पारित होने के बाद नागरिकता संशोधन बिल आज राज्यसभा में पेश कर दिया गया। गृहमंत्री अमित शाह ने इस विधेयक को पेश किया। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल इस विधेयक को संविधान के खिलाफ बताते हुए विरोध किया। जहां बिल पास होने को लेकर सरकार आश्वस्त दिख रही है तो वहीं विपक्ष की कोशिश है कि बिल राज्यसभा में पास न हो पाए। फिलहाल सदन में इस पर चर्चा जारी है। बिल पर चर्चा के लिए 6 घंटे का समय तय किया गया है।

भारतीय मुस्लिम भारतीय थे, हैं और रहेंगे

सुबह शाह ने विधेयक राज्यसभा में पेश करते हुए कहा कि भारत के मुसलमान भारतीय नागरिक थे, हैं और बने रहेंगे। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के प्रावधान वाले इस विधेयक को पेश करते हुए उच्च सदन में गृह मंत्री ने कहा कि इन तीनों देशों में अल्पसंख्यकों के पास समान अधिकार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इन देशों में अल्पसंख्यकों की आबादी कम से कम 20 फीसदी कम हुई है। इसकी वजह उनका सफाया, भारत प्रवास तथा अन्य हैं।

आप हमारा इतिहास बदलने जा रहे: कपिल सिब्बल

कपिल सिब्बल ने कहा कि भारत का भरोसा टू नेशन थ्योरी में नहीं है। सरकार आज दो नेशन थ्योरी सही करने जा रही है। कांग्रेस एक नेशन में भरोसा करती है। आप संविधान की बुनियाद को बदलने जा रहे हैं। आप हमारा इतिहास बदलने जा रहे हैं। यह काली रात कभी खत्म नहीं होगी। आप कहते हैं सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास लेकिन आपने सबका विश्वास खो दिया है।

आप हमारा इतिहास बदलने जा रहे: कपिल सिब्बल

कपिल सिब्बल ने कहा कि भारत का भरोसा टू नेशन थ्योरी में नहीं है। सरकार आज दो नेशन थ्योरी सही करने जा रही है। कांग्रेस एक नेशन में भरोसा करती है। आप संविधान की बुनियाद को बदलने जा रहे हैं। आप हमारा इतिहास बदलने जा रहे हैं। यह काली रात कभी खत्म नहीं होगी। आप कहते हैं सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास लेकिन आपने सबका विश्वास खो दिया है।

आप अपनी सनक के लिए कुछ भी करने को तैयार: संजय सिंह

आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि ये डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान के खिलाफ है। ये महात्मा गांधी के सपनों के खिलाफ है। हम इस बिल का विरोध करते हैं। आपको गुजरांवाला में रहने वाले हिंदुओं की चिंता है तो करिये, लेकिन गुजरात में पूर्वांचल और बिहार के मारे गए लोगों के बारे में आपने एक शब्द नहीं बोला। इस सदन में बताइए। आपने असम में एनआरसी लागू किया। 19 लाख लोगों को बाहर कर दिया। जिसमें लाखों की तादात में उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग हैं। जिनका रिकॉर्ड ना यूपी में है और ना ही बिहार में है। अपने ही देश में वो विदेशी घोषित हो गए। आप बांग्लादेश से आने वाले लोगों को नागरिकता देंगे लेकिन यूपी और बिहार के लोगों का क्या करेंगे जिनकी नागरिकता खत्म हो गई। आप अपनी सनक को पूरा करने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं?

पुरखों ने भारत के साथ आकर गलती की: पीडीपी सांसद

पीडीपी के सांसद मीर मोहम्मद फैयाज ने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से अब कोई मुसलमान इस देश में नहीं आएगा। जिन लोगों को बिल के तहत नागरिकता दी जा रही है, हम उसका विरोध नहीं कर रहे हैं लेकिन मुसलमानों को बाहर निकालने का विरोध करते हैं। हमारे पुरखों ने पाकिस्तान के साथ ना जाकर हिंदुस्तान के साथ आने का निर्णय लिया था लेकिन मुझे लगता है कि हमारे पुरखों ने गलती की थी।

सरकार जिन्ना का ख्वाब पूरा कर रही: सपा सांसद

समाजवादी पार्टी नेता जावेद अली खान ने कहा कि हमारे देश का बंटवारा हुआ था। टू नेशन थिअरी। सावरकर मानते होंगे हिंदू एक राष्ट्र है। जिन्ना मानते होंगे, मुस्लिम एक राष्ट्र हैं। लेकिन मैं पूरे होशोहवास के साथ कह रहा हूं कि मैं नहीं मानता कि राष्ट्र धर्म के आधार पर बन सकता है। हिंदू राष्ट्र का मतलब क्या? इस्लामी राष्ट्र का मतलब क्या? कि जो हम आए दिन सुनते हैं भाषणों में कि हम हिंदुस्तान को मुस्लिम मुक्त बनाएंगे। कई लोग तो तारीख तक बता देते हैं। इस्लामी राष्ट्र का क्या मतलब था कि पाकिस्तान हिंदू मुक्त होगा। जो ख्वाब जिन्ना का 1947 में बंटवारे के वक्त पूरा नहीं हो पाया कि पाकिस्तान हिंदू मुक्त हो और भारत मुस्लिम मुक्त हो, एनआरसी और सीएबी आने के बाद हमारी सरकार जिन्ना का ख्वाब पूरा करना करने जा रही है।

जदयू ने किया बिल का समर्थन

जद(यू) सांसद रामचंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि इस बिल को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है। विपक्ष की ओर से डराया जा रहा है। इस बिल में संविधान का उल्लंघन नहीं हुआ है, ना ही अनुच्छेद 14 का उल्लंघन हुआ है। जदयू ने राज्यसभा में इस विधेयक का समर्थन किया है। जदयू सांसद ने कहा कि हमारा देश रिपब्लिक है, यहां के नागरिकों को समान अधिकार है। हमारे देश में सीजेआई, राष्ट्रपति भी अल्पसंख्यक समाज से हुए हैं लेकिन क्या पड़ोसी मुल्क में ऐसा हुआ क्या। यहां एनआरसी की बात हो रही है लेकिन C के आगे D भी होता है, हमारे लिए D का मतलब डेवलेपमेंट है। यह बिल सबको समान अधिकार देने के लिए है।

बिल संविधान के खिलाफ, इस बिल को लेकर जल्दबाजी क्यों: कांग्रेस

कांग्रेस की ओर से आनंद शर्मा ने कहा कि पहले और अब के बिल में काफी अंतर है, सबसे बात करने का जो दावा किया जा रहा है उससे मैं सहमत नहीं हूं। इतिहास इसको कैसे देखेगा, उसे वक्त बताएगा। कांग्रेस नेता ने कहा कि इस बिल को लेकर जल्दबाजी क्यों हो रही है, संसदीय कमेटी के पास इसे भेजा जाता और तब लाया जाता। आनंद शर्मा ने कहा कि 72 साल में ऐसा पहली बार हुआ है, ये विरोध के लायक ही है। ये बिल संवैधानिक, नैतिक आधार पर गलत है, ये बिल प्रस्तावना के खिलाफ है। ये बिल लोगों को बांटने वाला है। हिंदुस्तान की आजादी के बाद देश का बंटवारा हुआ था, तब संविधान सभा ने नागरिकता पर व्यापक चर्चा हुई थी। बंटवारे की पीड़ा पूरे देश को थी, जिन्होंने इसपर चर्चा की उन्हें इसके बारे में पता था। आनंद शर्मा बोले कि ये बिल संविधान निर्माताओं पर सवाल उठाता है, क्या उन्हें इसके बारे में समझ नहीं थी। भारत के संविधान में किसी के साथ भेदभाव नहीं हुआ, बंटवारे के बाद जो लोग यहां पर आए उन्हें सम्मान मिला है। पाकिस्तान से आए दो नेता प्रधानमंत्री भी बने हैं। कांग्रेस नेता बोले कि टू नेशन थ्योरी कांग्रेस पार्टी ने नहीं दी थी, वो सावरकर ने हिंदू महासभा की बैठक में दी थी। आनंद शर्मा ने कहा कि गृह मंत्री ने बंटवारे का आरोप उन कांग्रेसी नेताओं पर लगाया जिन्होंने जेल में वक्त गुजारा, ये राजनीति बंद होनी चाहिए। आनंद शर्मा बोले कि कांग्रेस ने टू नेशन थ्योरी का विरोध किया था, उसे बैन भी कर दिया गया था। हिंदू महासभा, मुस्लिम लीग ने दो देशों की थ्योरी का समर्थन दिया, हिंदुस्तान का बंटवारा अंग्रेजों की वजह से हुआ कांग्रेस नहीं। नया इतिहास मत लीखिए।

सुप्रीम कोर्ट में भी बिल पर संग्राम होगा: डेरेक ओ ब्रायन

राज्यसभा में टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि इस विधेयक पर संसद में संग्राम होगा लेकिन उसके बाद ये बिल सुप्रीम कोर्ट में भी जाएगा। उन्होंने इस दौरान कहा कि ये बिल भारत विरोधी, बंगाल विरोधी है। डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि भाजपा की नींव तीन बातों पर है सिर्फ झूठ, झांसा और जुमला। आप घुसपैठियों पर अधिकार छीनने का आरोप लगाते हैं लेकिन आपकी सरकार ने 2 करोड़ लोगों का रोजगार छीन लिया। जो देश में है, उनका आप ध्यान रख नहीं सकते हैं और बाहरी लोगों की बात कर रहे हैं। एजेंसियों के जो आंकड़े हैं उनके अनुसार सिर्फ 31 हजार की शरणार्थी हैं, इसपर अमित शाह ने उन्हें टोका तो डेरेके ओ ब्रायन ने कहा कि मैं सही होऊंगा, इसलिए गृह मंत्री टोक रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने नोटबंदी, अर्थव्यवस्था, कश्मीर की बात की लेकिन हर बार सरकार ने वादा तोड़ा है। सरकार को वादा तोड़ने में महारत हासिल है।

भाजपा के पास अकेले बहुमत नहीं

गौरतलब है कि राज्यसभा में बिल पास करवाने को लेकर भाजपा के पास अकेले बहुमत नहीं है। ऐसे में भाजपा को सहयोगी पार्टियों की जरूरत होगी। बिल पास करवाने और राज्यसभा में तय मानक से कम सदस्य होने के कारण बीजेपी ने राज्यसभा सासंदों के लिए व्हिप जारी कर दिया है। वहीं शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि इस बिल पर हमारी शंकाओं को दूर करना होगा, अगर हमें संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो हमारा रुख लोकसभा में हमने जो किया उससे अलग हो सकता है।

पीएम ने बिल को लेकर दिया निर्देश, विपक्ष पर निशाना

नागरिकता संशोधन बिल को लेकर आज बीजेपी संसदीय दल की बैठक हुई। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसदों को बिल को देशहित में बताया और निर्देश दिया कि नागरिकता बिल को लेकर सांसद अपने स्तर पर जागरूकता फैलाएं। बिल लोकसभा से पास हो चुका है और राज्यसभा से भी इसके पास होने की उम्मीद जताई जा रही है।

मीटिंग में प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि बिल पर कुछ विपक्षी दल पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं। बीजेपी सांसदों को प्रधानमंत्री मोदी ने निर्देश दिया कि वह जनता तक यह संदेश पहुंचाए कि बिल पूरी तरह से देशहित में है। इससे पड़ोसी मुल्क के पीड़ित अल्पसंख्यकों को न्याय मिलेगा। यह एक ऐतिहासिक कानून साबित होगा।

बिल पर समर्थन को लेकर क्या बोले थे उद्धव ठाकरे

राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर समर्थन को लेकर शिवसेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा था कि शिवसेना तब तक बिल का समर्थन नहीं करेगी, जब तक कि पार्टी की ओर से लोकसभा में उठाए गए सवालों का जवाब नहीं मिल जाता।

राज्यसभा का गणित

अभी राज्यसभा में सांसदों की कुल संख्या 240 है यानि बिल पास करवाने के लिए 121 सांसदों का समर्थन चाहिए। एनडीए के पास 116 सांसदों का समर्थन है। बीजेडी के 7 सांसद बिल के समर्थन में वोट करेंगे। वाईएसआर कांग्रेस के 2 सांसद भी बिल का समर्थन कर रहे हैं यानी एनडीए को 125 सांसदों का समर्थन मिलता दिख रहा है। जबकि उद्धव ठाकरे ने राज्यसभा में समर्थन के लिए नए इशारे किए हैं। वहीं टीआरएस के 6 सांसद बिल के विरोध में वोट करेंगे।

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