व्यवस्था के प्रश्न के तहत यह मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा ने कहा कि सदन में अगस्टा वेस्टलैंड सौदे में कथित घूस और भ्रष्टाचार के आरोपों पर अल्पकालिक चर्चा के दौरान रक्षा मंत्राालय, सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के गोपनीय संवेदनशील दस्तावेजों का संदर्भ दिया गया था। शर्मा ने कहा कि सदन को यह बताया जाना चाहिए कि इन दस्तावेजों का हवाला देने वाले स्वामी की उन दस्तावेजों तक उनकी पहुंच कैसे हुई जिन्हें उन्होंने सत्यापित कराने और सदन के पटल पर रखने से इंकार कर दिया था। उप सभापति पी जे कुरियन ने कहा कि अगर स्वामी दस्तावेजों को सत्यापित कराने तथा सदन के पटल पर रखे जाने की उनकी व्यवस्था का पालन नहीं करते हैं तो नियम अपना काम करेंगे। कुरियन ने कहा व्यवस्था का पालन करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि बुधवार को उन्होंने व्यवस्था दी थी कि जिन भी दस्तावेजों का हवाला दिया जा रहा है उन्हें सत्यापित किया जाए और सदन के पटल पर रखा जाए। उन्होंने कहा इसका पालन करना होगा।
कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के बीच, संसदीय कार्य राज्य मंत्राी मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि स्वामी ने जिन दस्तावेजों का हवाला दिया था उन्होंने उसे सत्यापित कराया और सदन के पटल पर रख दिया है।
नकवी ने कहा स्वामी ने मुद्दे का ध्यान रखा है। इससे पहले कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने कहा कि बुधवार से एक प्रमुख टीवी चैनल में दिखाया जा रहा है कि सरकारी एजेंसियां गांधी परिवार को फंसाने के लिए किस तरह दबाव बना रही हैं। तिवारी ने व्यवस्था के प्रश्न के तहत यह मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि कुछ गद्दार यहां अव्यवस्था उत्पन्न करने ओर देश को अस्थिर करने के लिए दूसरे देशों से धन ले रहे हैं।
कुरियन ने कहा कि यह किसी भी तरह से व्यवस्था का प्रश्न नहीं है इसलिए इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। लेकिन भाजपा सदस्यों के हंगामे के बीच तिवारी ने फिर कहा कि कुछ गद्दार देश को अस्थिर करने के लिए काम कर रहे हैं। बहरहाल, कुरियन ने उन्हें यह मुद्दा उठाने की अनुमति नहीं दी।
कांग्रेस ने पूछा सवाल, आखिर स्वामी को कैसे मिले संवेदनशील दस्तावेज
कांग्रेस ने गुरुवार को राज्यसभा में सवाल किया कि बुधवार को सदन में अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकाॅप्टर सौदे के मुद्दे पर चर्चा के दौरान मनोनीत सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने रक्षा मंत्राालय, सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के जिन गोपनीय संवेदनशील दस्तावेजों का संदर्भ दिया था, वे दस्तावेज उन्हें कैसे हासिल हुए।
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