लोकसभा में आज सदस्यों द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा जाधव को फांसी की सजा सुनाए जाने पर पूरा देश न केवल चिंतित है बल्कि आक्रोशित भी है। सरकार इस सजा की कड़ी निंदा करती है जो कि कानून और न्याय के मूलभूत सिद्धांतों को ध्यान में रखे बिना सुनाई गई है। दूसरी ओर, राज्यसभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि कुलभूषण जाधव भारत का बेटा है और उसे बचाने के लिए सरकार हर संभव कोशिश करेगी। सुषमा ने कहा कि एक निर्दोष भारतीय नागरिक को गलत आरोपों के साथ सजा देने की कोशिश की जा रही है इसे भारत सुनियोजित हत्या मानेगा। उन्होंने कहा कि कुलभूषण बिल्कुल निर्दोष है और हर हाल में वापस लाने के लिए सरकार कदम उठाएगी। स्वराज ने कहा कि पाकिस्तान की जेलों में बंद भारतीय कैदियों को फांसी की सजा से बचाने के लिए सरकार सख्त कदम उठाएगी। इस मामले को पाकिस्तान के साथ उठाया जाएगा।
राजनाथ सिंह ने कहा कि कुलभूषण जाधव को बचाने के लिए भारत सरकार जो भी करना होगा , करेगी। कुलभूषण के साथ न्याय होगा।
गृह मंत्री ने बताया कि जाधव भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी हैं जो ईरान के चाबहार में छोटा-मोटा कारोबार करते थे और इसमें एक स्थानीय ईरान नागरिक उनका पार्टनर भी था। कारोबार के सिलसिले में उनका चाबहार में आना जाना लगा रहता था। मार्च 2016 में पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने चाबहार से जाधव का अपहरण किया और पाकिस्तानी मीडिया के समक्ष उन्हें भारतीय जासूस के रूप में पेश किया गया। राजनाथ सिंह ने बताया कि पाकिस्तान का कहना था कि जाधव के पास से एक वैध भारतीय पासपोर्ट मिला है।
गृह मंत्री ने कहा कि वैध पासपोर्ट मिलना इस बात का सबूत कैसे हो जाता है कि वह भारतीय जासूस थे। यह घटना पाकिस्तान को बेनकाब करती है। उन्होंने बताया कि भारतीय दूतावास ने 13 बार जाधव को काउंसलर एक्सेस मुहैया कराने के प्रयास किए लेकिन काउंसलर एक्सेस जाधव को मुहैया नहीं कराई गई।
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत बिना काउंसलर एक्सेस के सुनाई गई इस सजा की कड़ी निंदा करता है।
गौरतलब है कि कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। (एजेंसी)