एजेंसी की खबर के मुताबिक सरकार का मुख्य जोर महत्वपूर्ण जीएसटी विधेयक को पारित कराने पर होगा। इसे आधिकारिक रूप से संविधान के 122वें संशोधन विधेयक के रूप में जाना जाता है। इस विधेयक को लोकसभा पारित कर चुकी है। सरकार की योजना अगले साल अप्रैल से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने की है।
अन्य महत्वपूर्ण विधेयकों में भ्रष्टाचार निरोधक संशोधन विधेयक शामिल है, जिसपर राज्यसभा में शुक्रवार को चर्चा हुई। राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति ने जीएसटी विधेयक के लिए चार घंटे और रीयल स्टेट विधेयक के लिए दो घंटे का समय आवंटित किया है। सदन की प्रवर समिति इन दोनों विधेयकों पर पहले ही अपनी रिपोर्ट सौंप चुकी है। लोकसभा के विधायी कार्य के एजेंडे में उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय न्यायाधीश वेतन एवं सेवा शर्त संशोधन विधेयक 2015, मध्यस्थता और सुलह संशोधन विधेयक 2015, बोनस भुगतान संशोधन विधेयक और इंडियन ट्रस्ट संशोधन विधेयक 2015 पर विचार और उसे पारित किया जाना शामिल है।
संसदीय मामलों के मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि सरकार ने 2015-16 के लिए अनुदान की अनुरूपक मांगों और 2012-13 के लिए अतिरिक्त अनुदान की मांग को शीतकालीन सत्र के तीसरे सप्ताह में चर्चा के लिए लेने की योजना बनाई है। राज्यसभा में भ्रष्टाचार निरोधक संशोधन विधेयक 2013, लिखित परक्राम्य संशोधन विधेयक 2015 और व्हिसलब्लोअर्स संरक्षण संशोधन विधेयक 2015 को भी लिये जाने की योजना है जो लोकसभा में पारित हो चुके हैं।
इसमें से पहला विधेयक शुक्रवार को राज्यसभा में लिया गया था जिस पर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी एवं अन्य ने सावधानी बरतने की वकालत की थी। व्हिसलब्लोअर्स संरक्षण विधेयक भी शुक्रवार को सूचीबद्ध था, लेकिन इसे नहीं लिया जा सका।