सुषमा स्वराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के बीच पेरिस पर्यावरण सम्मेलन के दौरान यह चर्चा हुयी थी कि दोनों देशों के बीच दोबारा किस तरह बातचीत का माहौल बनाया जा सकता है। पाकिस्तान के साथ समग्र द्विपक्षीय वार्ता शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इसके पीछे यह भावना थी कि हम दोनों पडोसी देशों के बीच लगातार दूरी हमारे क्षेत्र में शांति स्थापित करने तथा इसे एक प्रगतिशील क्षेत्र के रूप में विकसित करने के हमारे साझा सपने के मार्ग में अड़चन है।
सुषमा स्वराज ने सदन में हंगामे के बीच अपना बयान पढ़ा। उस समय कई विपक्षी दल के सदस्य विभिन्न मुद्दों पर नारेबाजी कर रहे थे। सुषमा ने बताया कि हमने मुंबई आतंकी हमले से संबंधित न्यायिक कार्रवाई में पाकिस्तान द्वारा तेजी लाने की आवश्यकता पर बल दिया। पाकिस्तान द्वारा भारतीय पक्ष को इसे शीघ्र अंजाम तक पहुंचाने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में आश्वस्त किया गया।
उन्होंने कहा, मैं सदन को आश्वस्त करना चाहूंगी कि यह सरकार देश की सुरक्षा को सर्वाच्च प्राथमिकता देती है। इस संबंध में किसी भी प्रकार के खतरे से निपटने के लिए सरकार कूटनीतिक प्रयोगों सहित वो सभी कदम उठाएगी जो आवश्यक हों। पाकिस्तान के साथ इस नवीन वार्ता के दो उद्देश्य हैं - चिंता के विषयों पर रचनात्मक बातचीत के जरिए समस्याओं का निराकरण करना और साथ ही सहयोगात्मक संबंधों को स्थापित करना तथा इस दिशा में नए मार्ग तलाशना।
2016 में मोदी जाएंगे पाकिस्तान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले साल पाकिस्तान में होने वाले सार्क शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पाकिस्तान जा सकते हैं। सुषमा स्वराज ने बताया कि उफा सम्मेलन के दौरान शरीफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वर्ष 2016 में होने वाले दक्षेस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इस्लामाबाद आने का आमंत्रण दिया था।