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सोनिया और राहुल गांधी का संसद परिसर में धरना

लोकसभा में 25 सांसदों के निलंबन पर कांग्रेस का विरोध जोर पकड़ रहा है। आज कांग्रेस सांसदों ने पार्टी अध्‍यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी ने नेतृत्‍व में संसद भवन परिसर में महात्‍मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना दिया। राहुल गांधी ने कहा व्यापमं, ललितगेट और भूमि विधेयक के मुद्दे पर हम पूरे देश में सरकार को घेरेंगे। इस बीच, संसद के दोनों सदनों में भी गतिरोध बरकरार रहा।
सोनिया और राहुल गांधी का संसद परिसर में धरना

कांग्रेस के सभी सांसदों ने विरोध स्वरूप हाथ में काली पट्टी बांधी हुई थी। इस मौके पर कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, संसद की कार्यवाही चलाना सरकार की जिम्मेदारी है। हमारे सांसदों का निलंबन अलोकतांत्रिक है। लोकतंत्र की हत्या हुई है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, हम अपने रुख से पीछे नहीं हटेंगे और जहां तक भ्रष्टाचार के मुद्दों का सवाल है और सुषमा एवं व्यापमं का विषय है, हमारे दबाव में कोई कमी नहीं आएगी।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए। समाजवादी पार्टी के सांसदों ने भी विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा लिया। खुद सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव भी कांग्रेस के धरने का प्रदर्शन करने पहुंचे। हालांकि, उन्होंने सुषमा के इस्तीफे की मांग को अपना समर्थन नहीं दिया।

गौरतलब है कि कांग्रेस के सांसदों के निलंबन के खिलाफ अगले पांच दिनों तक नौ विपक्षी पार्टियां भी लोकसभा की कार्यवाही का बहिष्कार कर रही हैं। लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को ही कहा था कि तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी, जेडीयू, आरजेडी, मुस्लिम लीग, आम आदमी पार्टी और लेफ्ट पार्टियां लोकसभा की कार्यवाही में शामिल नहीं होंगी। 

लोकसभा में भी हंगामा

लोकसभा में हंगामे के बीच अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सांसदों को नियमों की हिदायत दी, उन्होंने कहा कि सांसदों को अपनी बात रखने और मंत्रियों से आश्वासन लेने का हक है, लेकिन जानबूझ कर नियमों को चुनौती देकर नहीं। 

राज्यसभा में जयराम, रेणुका ने किया विरोध

राज्यसभा में भी ललित मोदी प्रकरण, व्यापमं घोटाले को लेकर गतिरोध बरकरार है। लोकसभा में 25 कांग्रेस सदस्यों को निलंबित किए जाने के बाद उच्च सदन में इस पार्टी के सदस्य बाजुओं पर काली पट्टी बांधकर आए थे। सुषमा और वसुंधरा के मुद्दे पर हंगामे के बीच ही उपसभापति पीजे कुरियन ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इस दौरान कांगे्रस के वरिष्ठ नेता मधुसूदन मिस्त्री ने आसन के समक्ष आकर काला कपड़ा लहराना शुरू कर दिया।

आसन के समक्ष आए कांग्रेस सदस्यों में जयराम रमेश और रेणुका चौधरी जैसे पूर्व केन्द्रीय मंत्री भी थे जो विरोध जताने के लिए आमतौर पर आसन के समक्ष नहीं आते हैं। हंगामे के दौरान वाम, जदयू, सपा, तृणमूल कांग्रेस आदि दलों के कई सदस्य भी अपने स्थानों पर खड़े थे।

 

 

 

 

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