Advertisement

ओम बिरला ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को किया स्वीकार, लोकसभा में जल्द होगी चर्चा

मणिपुर की स्थिति पर जारी हंगामे के बीच लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही पर काफी प्रभाव पड़ा है।...
ओम बिरला ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को किया स्वीकार, लोकसभा में जल्द होगी चर्चा

मणिपुर की स्थिति पर जारी हंगामे के बीच लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही पर काफी प्रभाव पड़ा है। मंगलवार से अविश्वास प्रस्ताव की चर्चा जोरों पर है। अब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्ष द्वारा सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। बता दें कि लोकसभा और राज्यसभा को एक बार फिर स्थगित कर दिया गया है।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को नियमों के तहत आवश्यक 50 से अधिक सांसदों की गिनती के बाद नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।
उन्होंने कहा कि बहस का समय वह तय करेंगे और सदन को बताएंगे। स्पीकर का कहना है, ''मैं सभी दलों के नेताओं से चर्चा करूंगा और इस पर चर्चा के लिए उचित समय बताऊंगा।"

उन्होंने प्रस्ताव को स्वीकार करने का समर्थन करने वाले सदस्यों से खड़े होने के लिए कहा जिसके बाद कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला सहित भारतीय गठबंधन के सदस्य गिनती के लिए खड़े हो गए। इसके बाद बिड़ला ने केंद्रीय मंत्रिपरिषद में विश्वास की कमी व्यक्त करते हुए प्रस्ताव स्वीकार कर लिया।

संख्या के लिहाज़ से हालांकि विपक्षी दलों का अविश्वास प्रस्ताव संख्या परीक्षण में असफल होना तय है, लेकिन विपक्षी दलों का तर्क है कि वे बहस के दौरान मणिपुर मुद्दे पर सरकार को घेरकर धारणा की लड़ाई जीत लेंगे। उनका तर्क है कि प्रधानमंत्री को महत्वपूर्ण मुद्दे पर संसद में बोलना भी एक रणनीति है, जबकि सरकार इस बात पर जोर दे रही है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर की स्थिति पर बहस का जवाब देंगे।

उधर, मणिपुर पर चर्चा के लिए सदन में प्रधानमंत्री की उपस्थिति की मांग कर रहे विपक्षी सांसदों की नारेबाजी के कारण लोकसभा दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले गतिरोध के बीच लोकसभा और राज्यसभा को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित किया गया था।

कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने बुधवार को लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस सौंपा। इस अविश्वास प्रस्ताव पर पक्ष विपक्ष आमने सामने हैं। अविश्वास प्रस्ताव लाने का निर्णय मंगलवार को विपक्षी I.N.D.I.A गठबंधन दलों की बैठक में लिया गया। गोगोई असम में कलियाबोर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और पूर्वोत्तर क्षेत्र से सांसद हैं।

विपक्षी सांसदों ने कहा कि उन्हें पता है आंकड़े सरकार के पक्ष में हैं लेकिन अविश्वास प्रस्ताव मणिपुर में हिंसा समेत विभिन्न मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब मांगने का एक तरीका है। विपक्ष लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में मणिपुर की स्थिति पर विस्तृत से चर्चा की मांग कर रहा है। साथ ही विपक्ष की मांग है कि मणिपुर मुद्दें पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद बयान दें। विपक्ष की मांग पर दोनों सदनों में जबरदस्त हंगामा देखा गया है और उन्हें बार-बार स्थगित करना पड़ा।

पहले कांग्रेस ने बुधवार को सुबह 10.30 बजे पार्टी के संसदीय कार्यालय में अपने लोकसभा सांसदों की बैठक बुलाई। कांग्रेस ने अपने लोकसभा सांसदों को आज संसद में उपस्थित रहने के लिए तीन लाइन का व्हिप भी जारी किया है। कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने मंगलवार को बताया कि विपक्षी दल कल (बुधवार) सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे। मालूम हो कि मणिपुर मुद्दे को लेकर अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है।

केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा, "अविश्वास प्रस्ताव आने दीजिए, सरकार हर स्थिति के लिए तैयार है। हम मणिपुर पर चर्चा चाहते हैं सत्र शुरू होने से पहले वे चर्चा चाहते थे। जब हम सहमत हुए तो उन्होंने नियमों का मुद्दा उठाया। जब हम नियमों पर सहमत हुए तो वे नया मुद्दा लेकर आए कि प्रधानमंत्री आएं और चर्चा शुरू करें। मुझे लगता है ये सब बहाने हैं।"

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी कहते हैं, ''लोगों को पीएम मोदी और बीजेपी पर भरोसा है। वे पिछले कार्यकाल में भी अविश्वास प्रस्ताव लाए थे। इस देश की जनता ने उन्हें सबक सिखाया है।"

उधर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अविश्वास प्रस्ताव पर कहा, "प्रधानमंत्री को इसपर(मणिपुर मुद्दे) बयान देना चाहिए। वे(प्रधानमंत्री मोदी) सब दिन गायब रहते हैं। मणिपुर में जो भी घटना हो रही हैं, विपक्ष एकजुट होकर इस मुद्दे को उठा रहा है।"

राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा, "अविश्वास प्रस्ताव। जब प्रधानमंत्री के पास संसद में बयान देने के लिए आत्मविश्वास की कमी हो; सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी तक मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर 'मौन' रखते हों, बृजभूषण पर 'मौन' रखते हों, कहते हैं चीन के कब्जे में कोई क्षेत्र नहीं। I.N.D.I.A को उस पर कैसे भरोसा हो सकता है?"

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad