लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान एयर इंडिया के विमानों में यात्रियों का उन्नयन उच्च स्तर में किए जाने संबंधी सवाल करते हुए एक सदस्य ने शिकायत जतायी कि एयर इंडिया के विमान की उड़ान छूटने या किन्हीं अन्य कारण के चलते जब सांसदों को दूसरे एयरलाइनों के विमानों की सेवा लेनी पड़ती है तो उनके प्रबंधक सांसदों को पहचानते नहीं हैं।
सदस्य ने कहा कि सांसद को अपना पहचान पत्र दिखाने के बावजूद निजी एयरलाइनों द्वारा उन्हें कोई महत्व नहीं दिया जाता और सांसदों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इससे सांसदों का सम्मान भी आहत होता है। इस पर नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने कहा, सांसद कोई सुपर सिटीजन नहीं हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि सांसदों का सम्मान बनाए रखने के लिए सरकार वे सभी कदम उठाएगी जो व्यावहारिक रूप से संभव हैं।
टीआरएस के जितेन्द्र रेड्डी ने कहा कि सांसदों को विमानों में सीटों के उन्नयन में पहचान पत्र दिखाने पर सीट मिलनी चाहिए। उन्होंने मंत्री से हवाई अड्डों पर एयरलाइनों के प्रबंधकों को इस संबंध में निर्देश दिए जाने की मांग की। नागर विमानन मंत्री ने इसके जवाब में बताया कि वाणिज्यिक पद्धति के आधार पर सांसदों को कैसे सीटों के उन्नयन में शामिल किया जा सकता है इसे वह देखेंगे।
उन्होंने साथ ही बताया कि सीटों का उन्नयन वाणिज्यिक आधार पर होता है। उन्होंने बताया कि राजस्व का भुगतान करने वाले किसी भी यात्री की सीट नहीं बदली जाती है और इस प्रकार एयर इंडिया को राजस्व की कोई हानि नहीं हुई है।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    