गृह मंत्री ने सदन में इस घटना पर लोकसभा में अपने बयान में कहा कि वह शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने के साथ ही उनके परिजनों के प्रति संवेदना जाहिर करते हैं। उन्होंने साथ ही सदन को आश्वासन दिया कि शहीदों का यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। राजनाथ सिंह ने इसके साथ ही कहा, लेकिन इस घटना पर आत्मचिंतन की जरूरत है। मैंने सीआरपीएफ के डीजी को घटना की विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया है ताकि इस घटना को अंजाम देने वाली कमियों का पता लगाया जा सके। इससे भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने में मदद मिलेगी।
उन्होंने देशवासियों को आश्वस्त किया कि सरकार माओवादियों को लोगों को गुमराह करने और देश के कुछ हिस्सों को विकास के लाभ से वंचित करने में सफल नहीं होने देगी। गृह मंत्री ने बताया कि सुकमा हमले में 12 जवानों के शहीद होने के साथ ही दो जवान घायल हुए हैं जिनकी हालत स्थिर और खतरे से बाहर है। उन्हें बेहतर से बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिए संबंधित प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि जीवन की क्षति की भरपाई किसी भी तरह से पूरी नहीं की जा सकती है लेकिन सीआरपीएफ के शहीद जवानों के परिजनों को केंद्र सरकार की ओर से 35 लाख रुपये की अनुग्रह राशि, सीआरपीएफ के खतरा कोष से 20 लाख रुपये, सीआरपीएफ के कल्याण कोष से एक लाख रुपये , 25 लाख रुपये की बीमा राशि और छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से तीन लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी। साथ ही शहीद जवान के परिजन को सेवानिवृत्ति की आयु तक पूरा वेतन भी प्रदान किया जाएगा। (एजेंसी)