नायडू ने सदन में विधेयको पर चर्चा को लेकर सदस्यों के बीच वाद विवाद के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि सदन में अभी भी 13 विधेयक लंबित है जिसे पारित किए जाने की आवश्यकता है। अब मात्र चार विधेयक पारित हुए हैं जिससे लोगों में अच्छा संकेत नहीं जा रहा है। इससे पहले आज सदन ने तीन विधेयको को बगैर चर्चा के पारित कर दिया। इसके बाद किशोर न्याय विधेयक को संशोधित कार्यसूची में शामिल किए जाने पर उप सभापति पी जे कुरियन ने सदस्यों से इस पर चर्चा करने के लिए कहा लेकिन सदन में विपक्ष के उप नेता आनंद शर्मा ने कहा कि आज हम तीन विधेयक पारित कर चुके हैं और अब किसी अन्य विधेयक पर चर्चा नहीं कराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किशोर न्याय विधेयक आज की कार्यसूची में शामिल नहीं है।
इस पर कुरियन ने कहा कि यह विधेयक संशोधित कार्यसूची में शामिल है और अब इस पर चर्चा कराया जा सकता है। सभापति की मौजूदगी में हुयी सर्वदलीय बैठक में लिए गये निर्णय के तहत अपराह्न चार बजे तक सरकारी काम काज होगा और अभी चार बजने में समय है। इसलिए इस पर चर्चा करायी जानी चाहिए। हालांकि सदस्यों ने कहा कि आज बगैर चर्चा के तीन विधेयक पारित हो चुके हैं और ऐसी परंपरा नहीं डाली जानी चाहिए कि बगैर चर्चा के ही विधेयक पारित होने लगे। इसके बाद कुरियन ने कहा कि वाणिज्यिक न्यायालय, उच्च न्यायालय वाणिज्यिक प्रभाग और वाणिज्यिक अपील प्रभाग विधेयक 2015 पर चर्चा की जानी चाहिए। शर्मा के साथ ही दूसरे सदस्यों ने फिर से इसका विरोध किया।