लोकसभा में सोमवार को विपक्षी दल सदन का कार्य स्थगित कर मतविभाजन वाले नियम 56 के तहत तत्काल चर्चा कराने की मांग कर रहे थे। इसपर सरकार ने कहा कि यह कदम कालाधन, भ्रष्टाचार और जाली नोट के खिलाफ उठाया गया है और वह नियम 193 के तहत चर्चा कराने को तैयार है। लेकिन विपक्षी दल कार्य स्थगित कर चर्चा कराने की मांग पर अड़े रहे। आसन के समीप विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण पहली बार सदन की कार्यवाही 11 बजकर 50 मिनट पर 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। इस विषय पर अपनी मांग के समर्थन में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दल के सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। अन्नाद्रमुक सदस्यों को भी अपने स्थान से उठकर विरोध करते देखा गया। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और सदन की कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अगर आप गरीबों, आम लोगों की परेशानियों को उठाना चाहते हैं तो चर्चा करें। सरकार भी चर्चा को तैयार है। अध्यक्ष ने कहा कि कार्यस्थगन के प्रस्ताव को पहले ही अस्वीकार किया जा चुका है।
अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों के हंगामे और नारेबाजी के बीच प्रश्नकाल की कार्यवाही चलाई। हालांकि हंगामा बढ़ता देख उन्होंने सदन की कार्यवाही 11 बजकर 50 मिनट पर 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस, तृणमूल, वाम दलों ने 500 रूपये और 1000 रूपये के नोटों को अमान्य करने के कारण आम लोगों को हो रही परेशानियों का मुद्दा उठाया और कार्यस्थगित कर तत्काल चर्चा शुरू कराने की मांग की। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि भ्रष्टाचार, कालाधन और जाली नोट को खत्म करने और इसके ऊपर पनपने वाले आतंकवाद को खत्म करने को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री मोदी नीत सरकार ने यह कदम उठाया है। इस कदम को पूरे देश में एक स्वर से समर्थन मिला है। कुमार ने कहा कि हम इस विषय पर चर्चा कराने को तैयार हैं। भारत सरकार इस पर नियम 193 के तहत चर्चा कराने को तैयार है।