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नोटबंदी मुद्दे पर संसद में गतिरोध बरकरार, विपक्ष अपने रूख पर कायम

नोटबंदी के मुद्दे पर संसद में बृहस्पतिवार को भी गतिरोध कायम रहा तथा विपक्ष के हंगामे के बीच इस पर चर्चा को आगे नहीं बढ़ाया जा सका। हालांकि हंगामे के बीच लोकसभा में आम बजट से जुड़ी अनुदान की अनुपूरक मांगों को पारित कर दिया गया।
नोटबंदी मुद्दे पर संसद में गतिरोध बरकरार, विपक्ष अपने रूख पर कायम

नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे और नारेबाजी के कारण लोकसभा और राज्यसभा की बैठक दो-दो बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। उच्च सदन में शून्यकाल एवं प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ गए। लोकसभा में नोटबंदी के मुद्दे पर सोमवार को नियम 193 के तहत शुरू हुई चर्चा आज भी आगे नहीं बढ़ सकी। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वामदलों के सदस्य अपनी मांग के समर्थन में अध्यक्ष के आसन के समीप बार-बार आकर नारेबाजी करते रहे। वे मतविभाजन वाले किसी नियम के तहत नोटबंदी पर चर्चा की मांग कर रहे थे। कांग्रेस सदस्य विरोध स्वरूप अपने हाथों पर कालीपट्टी बांधे हुए थे। 16 नवंबर को संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने के बाद से लोकसभा में नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा को लेकर गतिरोध बना हुआ है। विपक्ष जहां मतविभाजन के प्रावधान वाले नियम 56 या नियम 184 के तहत चर्चा की मांग कर रहा है, वहीं सरकार नियम 193 के तहत चर्चा कराने पर जोर दे रही है। संसद में विपक्ष के विरोध पर तीखा प्रहार करते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कांग्रेस को चुनौती दी कि वह पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के 10 वर्षों के कार्यकाल में कालाधन के खिलाफ उठाया एक कदम बता दे, साथ ही उन्होंने जनता को आश्वस्त किया कि सरकार उसकी तकलीफों को समझती है और इसे दूर करने के लिए लगातार कदम उठा रही है।

उधर, राज्यसभा में नोटबंदी के कारण देश भर में 100 से ज्यादा लोगों की मौत होने का दावा करते हुए विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार उन्हें श्रद्धांजलि देने को तैयार नहीं है। सत्तारूढ़ भाजपा ने विपक्ष पर राजनीति करने का आरोप लगाया और नोटबंदी के मुद्दे पर सदन में अधूरी चर्चा को आगे बढ़ाने की मांग की। कार्यवाही शुरू होने पर तृणमूल कांग्रेस के सुखेन्दु शेखर राय ने कहा कि नोटबंदी के फैसले को एक महीना हो गया और इसकी वजह से 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। उन्होंने मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दिए जाने की मांग की। सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने आपत्ति जताते हुए कहा कि यह पूरी तरह से राजनीति है। उन्होंने कहा कि विपक्ष लगागार सदन की कार्यवाही को बाधित कर रहा है। इस बीच, विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने बोलने की अनुमति मांगी। इस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने आपत्ति जताई। सभापति हामिद अंसारी ने कहा कि सदन की यह परंपरा रही है कि जब सदन के नेता या विपक्ष के नेता बोलना चाहें तो उन्हें बोलने का मौका दिया जाता है। आजाद ने कहा कि नोटबंदी के बाद पिछले एक महीने में देश भर में 100 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है। हम चाहते हैं कि सदन उन लोगों को श्रद्धांजलि दे लेकिन सरकार ने ऐसा करने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि इसलिए आज विपक्ष की 16 पार्टियों के सांसदों ने संसद भवन परिसर में गांधी जी की प्रतिमा के सामने काला दिवस मनाया।

इसके बाद सदन के नेता और वित्त मंत्री अरूण जेटली ने अपनी बात रखने की कोशिश की लेकिन नारेबाजी के कारण वह अपनी बात नहीं कह सके। अंसारी ने नोटबंदी मुद्दे पर सदन में अधूरी चर्चा आगे बढ़ाने को कहा। लेकिन सदन में इसी दौरान हंगामा शुरू हो गया। विपक्ष के सदस्य नोटबंदी मुद्दे पर सरकार से माफी की मांग कर रहे थे, वहीं भाजपा के सदस्य चर्चा आगे बढ़ाने की मांग कर रहे थे। सदन में हंगामा थमते नहीं देख अंसारी ने दो बजकर 10 मिनट पर बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।

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