शुक्रवार को सुबह बैठक शुरू होने पर सभापति हामिद अंसारी ने 13 दिसंबर को संसद पर आतंकवादी हमले की 14वीं बरसी होने का जिक्र किया। सदस्यों ने उस हमले में अपनी जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी और उनके सम्मान में कुछ क्षणों का मौन रखा। इसके बाद कांग्रेस सदस्य आसन के समक्ष आकर सरकार तथा प्रधानमंत्राी के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। हंगामे के बीच ही उपसभापति पी जे कुरियन ने जरूरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए।
राज्यसभा ने 1988 के भ्रष्टाचार विरोधी कानून में और संशोधन के प्रावधान वाले भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) विधेयक, 2015 को आज सदन की प्रवर समिति को भेज दिया। सदन की बैठक सुबह शुरू होने के कुछ देर बाद कार्मिक राज्य मंत्री जितेद्र सिंह ने इस आशय का एक प्रस्ताव किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से स्वीकार कर लिया। इस विधेयक में भ्रष्टाचार निवारण कानून, 1988 में और संशोधन का प्रस्ताव किया गया है। भाजपा के अनिल माधव दवे समिति के अध्यक्ष होंगे। समिति को अपनी रिपोर्ट अगले सत्र के पहले हफ्ते के आखिरी दिन तक सौंपने का निर्देश दिया गया है।
इस विधेयक में भ्रष्टाचार के मामलों में और सख्त सजा का प्रावधान किया गया है। समिति के सदस्यों में भाजपा के चंदन मित्रा और भूपेंद्र यादव, कांग्रेस नेता मणिशंकर अयर, शांताराम नाइक, भुवनेश्वर कलिता, सपा के नरेश अग्रवाल, जदयू के केसी त्यागी, तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय, अन्नाद्रमुक के नवनीतकृष्णन, बसपा के सतीशचंद्र मिश्र, माकपा के केएन बालगोपाल, बीजद के अनुभव मोहंती, तेदेपा के देवेंद्र गौड़ टी, राकांपा के प्रफुल्ल पटेल, द्रमुक की कनिमोई, शिवसेना के संजय राउत, शिअद के नरेश गुजराल, पीडीपी के मीर मोहम्मद फैयाज, भाकपा के डी राजा, आरपीआई..ए के रामदास अठावले, निर्दलीय राजीव चंद्रशेखर और हिशले लचुंगपा शामिल है।