पेगासस जासूसी मामले पर विपक्षी दल लगातार मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। शुक्रवार को भी कांग्रेस, डीएमके और शिवसेना के सांसदों ने गांधी की मूर्ति के पास पेगासस मुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। वहीं कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आईटी मंत्री की सफाई को नाकाफी बताया।
उन्होंने कहा, ''आईटी मंत्री ने सफाई नहीं दिया। पहले सदन में चर्चा होनी चाहिए। चर्चा के बाद अगर वे रिप्लाई देते, उसको स्टेटमेंट कहते हैं।''
उन्होंने आगे कहा कि अपने आप जो चाहें बोलकर चले जाना। लोकतंत्र में चर्चा होती है फिर लोग बोलते हैं। सदस्यों का सुनकर उसके बाद अगर वे कोई स्टेटमेंट देते तो उसका कोई मूल्य है। वे सभी चीजों को दबाना चाहते हैं और अलोकतांत्रिक तरीके से चलाना चाहते हैं।
वहीं कृषि कानूनों के मुद्दे पर उन्होंने कहा, "हमने नरेंद्र सिंह तोमर को बताया कि 3 कानूनों में क्या कमियां हैं। एक ही मकसद है कि तीनों कानून वापस लेकर, सबसे चर्चा करके किस ढ़ंग से कौन से कानून ला सकते हैं। उस समय ईस्ट इंडिया कंपनी शोषण करती थी आज अदानी, अंबानी जैसे बड़े लोग जमींदार बनकर बैठेंगे।"
ग़ौरतलब है कि एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ ने बताया कि स्पाइवेयर के माध्यम से हैकिंग के लिए दो मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, तीन विपक्षी नेताओं और एक मौजूदा न्यायाधीश सहित 300 से अधिक सत्यापित मोबाइल फोन नंबरों को निशाना बनाए जाने की आशंका है।