लोकसभा में आज डीएनए प्रौद्योगिकी (प्रयोग और लागू होना) विनियमन विधेयक 2018 पेश किया गया जिसमें पीड़ित, अपराधी, संदिग्ध, विचाराधीन, लापता और अज्ञात मृत व्यक्ति की पहचान स्थापित करने के प्रयोजन के लिये डीएनए प्रौद्योगिकी के उपयोग और लागू होने के विनियमन का प्रावधान है।
लोकसभा में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डा. हर्षवर्धन ने विधेयक को पेश किया।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने विधेयक पेश होने का विरोध करते हुए कहा कि इस प्रकार से लिये गए डीएनए नमूने का दुरूपयोग किया जा सकता है। यह संविधान के तहत प्रदत्त अधिकार का उल्लंघन है।
उन्होंने कहा कि इस विधेयक के संबंध में उपयुक्त प्राधिकार एवं एजेंसी के साथ विचार विमर्श किया जाए और उसके बाद इसे लाया जाए।
केंद्रीय मंत्री डा. हर्षवर्धन ने कहा कि इस विधेयक पर महत्वपूर्ण विशेषज्ञों एवं एजेंसियों के साथ विचार विमर्श किया गया है। इस विषय पर गृह मंत्री की अध्यक्षता वाली समिति ने भी विचार किया जिसमें विधि मंत्री, वित्त मंत्री और वह स्वयं शामिल थे।
उन्होंने कहा कि इस विधेयक की परिकल्पना अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय की गई थी।
डा. हर्षवर्धन ने कहा कि डीएनए टेस्टिंग लैब और डीएनए डाटा बैंक को नियमित करने की जरूरत को ध्यान में रखते हुए इसे लाया गया है।
विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि डीएनए प्रौद्योगिकी की न्याय प्रदान करने की प्रणाली में विस्तृत उपयोग की संभावना है। दांडिक मामलों में इससे जैविक साक्ष्य के माध्यम से अपराधों के अन्वेषण में सहयाता मिलती है जिससे बलात्कार के मामलों में वीर्य का साक्ष्य, हत्या के मामले में रक्त के साक्ष्य, गुमनाम धमकी पत्रों आदि के स्रोत की पहचान में लार से जुड़े साक्ष्य भी शामिल हैं।
सिविल मामलों में इससे आपदाओं जैसे चक्रवातों और हवाई दुर्घटनाओं के शिकार व्यक्तियों की पहचान करने में सहायता मिलती है।
अनेक अपराध बार बार किये जाते हैं जिनकी पकड़ और दोषसिद्धि में किसी डीएनए डाटा बैंक में भंडारित डीएनए प्रोफाइलों से अपराध स्थल पर जैविक साक्ष्य से तुलना करने में मदद मिलती है।
इसके तहत राष्ट्रीय स्तर के डीएनए डाटा बैंक और क्षेत्रीय डीएनए डाटा बैंकों की स्थापना और डीएनए प्रोफाइलों का भंडारण और रखरखाव किया जाएगा। इसमें डीएनए प्रयोगशालाओं और डीएनए डाटा बैंकों की स्थापना से संबंधित मुद्दों पर केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को सलाह देने तथा ऐसी प्रयोगशालाओं एवं डाटा बैंकों की स्थापना एवं कार्यक्रम के लिये मागदर्शक सिद्धांत, मानक और प्रक्रियाएं बनाने का प्रावधान है।