कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए गलतबयानी की जिसके विरोध में विपक्ष को सदन से वाकआउट करना पड़ा।
उन्होंने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में यह दावा भी किया कि झूठ बोलना और लोगों को भ्रमित करना प्रधानमंत्री मोदी की आदत बन गई है।
खड़गे ने जब संवाददाताताओं को संबोधित किया तो उनके साथ कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी और ‘इंडिया’ गठबंधन के कई घटक दलों के नेता भी थे।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया, ‘‘हम सबने इसलिए वाकआउट किया क्योंकि प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा पर जवाब देते हुए कुछ गलत बातें सदन में रखीं। झूठ बोलना, लोगों को भ्रमित करना उनकी आदत है।’’
उनका कहना था, ‘‘मैं सिर्फ इतना कहना चाहता था कि संविधान आपने नहीं बनाया, संविधान के आप लोग विरोधी थे। मैं यह बात सदन में उनके सामने रखना चाहता था।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मुखपत्र ‘ऑर्गेनाइजर’ के संपादकीय में 30 नवंबर, 1950 में लिखा गया था कि भारत के इस नए संविधान में सबसे बुरी बात है कि इसमें भारतीय कुछ भी नहीं है।’’
खड़गे ने यह दावा भी किया कि जनसंघ और उससे जुड़े संगठनों ने संविधान का विरोध किया था तथा पंडित जवाहरलाल नेहरू और बाबासाहेब भीमराम आंबेडकर के पुतले जलाए थे।
उनका कहना था, ‘‘प्रधानमंत्री हमें संविधान विरोधी कह रहे हैं जबकि ये लोग संविधान के जन्मजात विरोधी हैं।’’
राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता प्रमोद तिवारी ने कहा, ‘‘नेता प्रतिपक्ष ने सदन में तथ्य रखने का प्रयास किया लेकिन उन्हें बोलने नहीं दिया गया...पूरे विपक्ष ने वाकआउट किया क्योंकि सदन में झूठ बोला जा रहा था।’’