राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी को आपत्तिजनक मानते हुए सदन की कार्यवाही से हटा दिया है। यह संभवतः प्रधानमंत्री से जुड़ा इस तरह का पहला मामला है। मोदी ने यह टिप्पणी गुरुवार को राज्यसभा में उपसभापति चुनाव जीतने के बाद एनडीए उम्मीदवार हरिवंश नारायण सिंह को बधाई देने के दौरान यूपीए के उम्मीदवार बीके हरिप्रसाद को लेकर की थी।
वेंकैया नायडू ने इस टिप्पणी को कुछ सदस्यों के विरोध और इसे कार्यवाही से निकालने की मांग किए जाने के बाद हटाया। यह टिप्पणी हिंदी में की गई थी और इसमें केवल तीन शब्द थे। एक विपक्षी सदस्य द्वारा दुहराए जाने की वजह से उन्हें भी कार्यवाही से निकाल दिया गया।
प्रधानमंत्री द्वारा की गई टिप्पणी शायद ही कभी संसद से हटाई गई हो और राज्यसभा सचिवालय के पास इसकी जानकारी नहीं है कि ऐसा पहले कब हुआ है।
राज्यसभा सचिवालय के अनुसार कई सदस्यों ने इस टिप्पणी पर आपत्ति जताई थी और इसे हटाने की मांग की थी। सभापति नायडू ने गुरुवार को सदन में कहा था कि वह इस टिप्पणी पर गौर करेंगे कि इसमें क्या आपत्तिजनक है। उन्होंने एक शब्द को आपत्तिजनक पाया और उसे हटाने को कहा। नायडू ने बधाई देने के दौरान केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले के एक शब्द को भी सदन की कार्यवाही से हटा दिया है। कांग्रेस नेता और विपक्ष के उपसभापति पद के उम्मीदवार बीके हरिप्रसाद ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री ने सदन की मर्यादा गिराई है।