लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बुधवार को कांग्रेस और टीडीपी द्वारा केंद्र की नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के खिलाफ पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। इस प्रस्ताव पर 20 जुलाई को चर्चा होगी और इसी दिन वोटिंग भी कराई जाएगी। ऐसे में यह सवाल भी सामने आने लगे हैं कि संख्या बल के आधार पर अविश्वास प्रस्ताव का क्या हश्र होगा।
जब संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की प्रमुख सोनिया गांधी से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने जवाब दिया कि कौन कहता है कि हमारे पास नंबर नहीं हैं। सोनिया के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अटलजी के कार्यकाल में भी कांग्रेस ने इसी तरह का अहंकार दिखाया था और जैसा उस समय हुआ था वैसा ही इस बार भी होगा। प्रधान ने कहा कि हम अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने के लिए तैयार हैं।
केंद्रीय मंत्री रामदास अठवाले ने सोनिया के बयान पर कहा कि इस तरह के अतिविश्वास से कुछ होने वाला है। हम 20 जुलाई को बहुमत साबित कर देंगे और विपक्ष को अपनी ताकत दिखा देंगे।
दूसरी ओर, जदयू के आरजी यादव ने कहा कि विपक्ष के पास सरकार गिराने लायक नंबर नहीं है पर ऐसे कहने वाले लोग हैं जो दूसरों को बताया सकें कि सरकार ने देश को कैसे मूर्ख बनाया है। उन्होंने कहा कि जब सरकार गिराने लायक नंबर नहीं है तो मकसद क्यों सरकार गिराने का है। विश्वास ये हैं कि जनता के मन में अविश्वास पैदा कर दें।
इससे पहले, लोकसभा में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि जिस सरकार में किसानों को आत्महत्या करना पड़े, महिलाओं को रोज बलात्कार का सामना करने पड़े वैसी सरकार के खिलाफ हम अविश्वास प्रस्ताव रखते हैं।