कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोकसभा में अपने वक्तव्य में कहा, “कुछ ऐसे संगठन भी हैं जिन्होंने आजादी के आंदोलन में कोई योगदान नहीं दिया और आज आजादी की बात करते हैं।
सोनिया ने बिना नाम लिए कहा, ‘’हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि उस दौर में ऐसे संगठन और ऐसे व्यक्ति भी थे, जिन्होंने आजादी के आंदोलन में कोई योगदान नहीं दिया।” उन्होंने आगे कहा कि ऐसे संगठन आजादी के आंदोलन का विरोध करते थे, लेकिन आज आजादी की बात करते हैं। इन तत्वों का आजादी के आंदोलन में कोई योगदान नहीं था।
‘हमें अपनी आजादी को सुरक्षित रखनी है’
सोनिया ने कहा, “आजकल ऐसा लगता है कि इस सृष्टि पर नफरत और विभाजनकारी राजनीति के बादल छा गए हैं। हमें अपनी आजादी को सुरक्षित रखनी है तो हमें हर तरह की दमनकारी शक्ति के खिलाफ संघर्ष करना होगा चाहे वह कितनी भी समर्थ और सक्षम हो। ये आंदोलन हम सबको याद दिलाता है कि हम भारत के विचार को संप्रदायिक सोच का चेहरा नहीं बनने देंगे।”
गौरतलब है कि आज के ही दिन 9 अगस्त 1942 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के विरूद्ध भारत छोड़ो आंदोलन की बिगुल बजाई थी। जिसे लेकर केन्द्र सरकार ने आज संसद में विशेष सत्र बुलाया था।