कांग्रेस नेता और लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी के लोकसभा से निलंबित होने का मामला विशेषाधिकार समिति के पास है। समिति ने उन्हें अगली बैठक में पेश होकर जवाब देने का मौका देने का फैसला किया है। इसपर अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि निलंबन नियमों के मुताबिक नहीं था। बता दें कि चौधरी को 10 अगस्त को 'अनियंत्रित व्यवहार' के लिए लोकसभा से निलंबित कर दिया गया था।
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "विशेषाधिकार समिति की बैठक नियमानुसार हो रही है। मुझे इस बारे में कुछ नहीं कहना है। मुझे तो बैठक का एजेंडा भी नहीं मालूम। मुझे उम्मीद है कि नियमानुसार कार्यवाही होगी। समिति द्वारा रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद अध्यक्ष (लोकसभा) निर्णय लेंगे। यह (लोकसभा से निलंबन) नियमों के मुताबिक नहीं हुआ।"
<blockquote class="twitter-tweet"><p lang="en" dir="ltr"><a href="https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw">#WATCH</a> | Congress' Adhir Ranjan Chowdhury says "The meeting of the Privilege Committee is happening as per the rules. I don't have anything to say about it. I don't even know the agenda of the meeting. I hope that proceedings will happen as per the rules. The Speaker (Lok Sabha)… <a href="https://t.co/15dBQgxquD">pic.twitter.com/15dBQgxquD</a></p>— ANI (@ANI) <a href="https://twitter.com/ANI/status/1692480153249800576?ref_src=twsrc%5Etfw">August 18, 2023</a></blockquote> <script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"></script>
इससे पहले, न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने संसद सूत्रों के हवाले से बताया कि लोकसभा की विशेषाधिकार समिति ने कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी को अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब देने के लिए समिति के सामने पेश होने का मौका देने का फैसला किया है। उन्हें समिति की बैठक की अगली तारीख 30 अगस्त को समिति के सामने पेश होने के लिए कहा जा सकता है।
<blockquote class="twitter-tweet"><p lang="en" dir="ltr">The Privilege Committee of Lok Sabha has decided to give an opportunity to Congress MP Adhir Ranjan Chowdhury to appear before the Committee to respond to allegations against him. He may be asked to appear before the Committee on August 30, the next date of the meeting of the…</p>— ANI (@ANI) <a href="https://twitter.com/ANI/status/1692466837265801721?ref_src=twsrc%5Etfw">August 18, 2023</a></blockquote> <script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"></script>
दरअसल, लोकसभा के मॉनसून सत्र में विपक्ष द्वारा पेश किए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने विघटनकारी व्यवहार का हवाला देते हुए चौधरी के निलंबन के लिए एक प्रस्ताव रखा। उनका कहना था कि चौधरी के व्यवहार से लगातार कार्यवाही बाधित होती थी, खासकर जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंत्रियों ने सदन को संबोधित किया या बहस चल रही थी।
जोशी ने जोर देकर कहा, "अपनी बहसों में, वह निराधार आरोप लगाते हैं, सरकार की अखंडता को कमजोर करने का प्रयास करते हैं। उनके तर्कों में ठोस तथ्यों का अभाव है, साथ ही माफी मांगने की अनिच्छा भी है।"
ध्वनि मत से पारित प्रस्ताव ने अधीर रंजन चौधरी को सदन से निलंबित कर दिया। विशेषाधिकार समिति द्वारा व्यापक जांच लंबित रहने तक कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के निलंबन के मामला पर काफी बहसबाजी हुई। निलंबन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, कांग्रेस ने आश्चर्य व्यक्त किया था और कार्रवाई को "अविश्वसनीय" और "अलोकतांत्रिक" बताया था।
अपने निलंबन पर चर्चा करते हुए अधीर रंजन चौधरी ने एक प्रेस वार्ता में सुप्रीम कोर्ट जाने की बात भी कही थी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट जाने की संभावनाओं के बारे में पूछे गए सवाल पर जवाब देते हुए कहा, "अगर ज़रूरत लगी तो मैं सुप्रीम कोर्ट भी जा सकता हूं।"