वैसे तो लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान मंगलवार को कई सांसदों ने अपने विचार रखे। लेकिन पहली बार लोकसभा में भाषण देने वालों में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने जिस प्रभावशाली तरीके से भाषण दिया, उसकी सोशल मीडिया पर जोरदार चर्चा हुई।
फासीवाद के लिए सरकार को निशाना बनाया
मोइत्रा ने सरकार को जमकर निशाना बनाया। सबसे खासबात यह रही कि उन्होंने फासीवाद के शुरुआती संकेतों के रूप में बिंदुवार अपनी बात रखी। बार-बार शोर-शराबे के बावजूद उन्होंने तार्किक ढंग से कहा कि एनडी सरकार के कार्यकाल में देश फासीवाद की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने अपना भाषण की शुरुआत नम्रता के साथ की और उन्होंने सरकार को मजबूत जनादेश मिलने की बात भी शालीनता के साथ स्वीकार की। लेकिन इसके बाद उन्होंने अपने तर्कों से बात आगे बढ़ाई तो फिर रुकने का नाम नहीं लिया।
‘देश को आंदोलित कर सकती है यह आवाज’
मोइत्रा के भाषण की शुरुआत के साथ ही सोशल मीडिया पर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। लोग खासतौर पर उनके तर्कों और ओजस्वीपूर्ण भाषण से अत्यंत प्रभावित थे। ट्विटर पर प्रतीक सोनी ने कहा कि इस आवाज वास्तव में एक आग है जो पूरे देश में लोगों के मन को भी आंदोलित कर देगी जो देश की जहरीली हवाओं के खिलाफ हैं।
‘किसी के बाप का हिंदुस्तान नहीं’
मोइत्रा की तारीफ में सुनंदा ने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा, लोकसभा में एक भाषण अवश्य सुनिए। महुआ मोइत्रा ने तथ्य, आंकड़ों और कविता के सहारे अपनी बात शानदार तरीके से रखी। किसी के बाप का हिंदुस्तान नहीं है। अहम तथ्य यह भी है कि इस टिप्पणी पर 500 से ज्यादा लोगों ने टिप्पणी की।
‘देश के एक्चुअल दिन दिखाए भाषण ने’
नरसी बेनवाल ने भी ट्विटर पर कहा कि एक भाषण हमारे देश के एक्चुअल दिन के बारे में कहा गया है कि। मुंबई के इस शख्स की टिप्पणी पर भी काफी प्रतिक्रिया देखने को मिलीं। अनिल तलवार ने जोशीला भाषण बताया। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा का भाषण अत्यंत प्रभावशाली है।