सोमवार को राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय ने अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील का मुद्दा उठाया और इस पर कामकाज रोक कर चर्चा की मांग की। राय ने आसन से अनुमति नहीं मिलने के बावजूद अगस्ता का मुद्दा उठाना जारी रखा। सभापति हामिद अंसारी ने उन्हें मना करते हुए उनसे प्रश्नकाल चलने देने को कहा। लेकिन राय अगस्ता मुद्दे पर बोलते ही रहे। हंगामे से अप्रसन्न सभापति ने उनके खिलाफ नियम 255 का प्रयोग करते हुए उन्हें दिन भर के लिए सदन से बाहर जाने को कहा। जिसके बाद राय सदन से बाहर चले गए। आसन के फैसले से असहमति जताते हुए तृणमूल के अन्य सदस्यों ने सदन से वाकआउट कर दिया। वहीं गुजरात के केजी बेसिन मुद्दे पर कैग की रिपोर्ट में कथित अनियमितताओं के जिक्र पर चर्चा कराने और प्रधानमंत्री के जवाब की मांग को लेकर कांग्रेस के सदस्यों ने भी उच्च सदन में हंगामा और नारेबाजी किया जिसकी वजह से सदन की बैठक बार-बार बाधित हुई। उल्लेखनीय है कि नियम 255 के तहत आसन किसी सदस्य के अव्यवस्था पैदा करने वाले व्यवहार के कारण उसे दिन भर के लिए सदन से बाहर जाने का निर्देश दे सकता है।
इसके पहले शून्यकाल में भी अगस्ता मुद्दा उठाते हुए सुखेन्दु शेखर राय ने सवाल किया कि 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए हुए सौदे में रिश्वत किसने ली। उन्होंने कहा रक्षा मंत्री को बयान देना है। सरकार चुप क्यों है? अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में कथित तौर पर रिश्वत लेने वाले यह एपी कौन हैं। गांधी कौन हैं? राय ने मांग की कि अन्य कामकाज निलंबित कर इस मुद्दे पर तत्काल चर्चा की जाए और रक्षा मंत्री सदन में जवाब दें। उन्होंने कहा कि सरकार रिश्वत लेने वालों की पहचान उजागर करे। संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि बुधवार को सदन में अगस्ता वेस्टलैंड पर चर्चा होनी है। उन्होंने कहा कि चर्चा में दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा। उप सभापति पी जे कुरियन ने कहा कि शून्यकाल में कामकाज निलंबित करने का कोई नियम नहीं है। साथ ही उन्होंने सुखेन्दु शेखर राय के नोटिस को खारिज कर दिया।