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मणिपुर पर पीएम का 'मौन व्रत' तोड़ना चाहते हैं: अविश्वास मत पर कांग्रेस सांसद गोगोई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मंगलवार को लोकसभा में चर्चा शुरू...
मणिपुर पर पीएम का 'मौन व्रत' तोड़ना चाहते हैं: अविश्वास मत पर कांग्रेस सांसद गोगोई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मंगलवार को लोकसभा में चर्चा शुरू हुई और कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने बहस की शुरुआत की। गोगोई ने कहा कि विपक्ष I.N.D.I.A. गठबंधन मणिपुर के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाया है क्योंकि राज्य न्याय चाहता है और वे पीएम मोदी का मौन व्रत तोड़ना चाहते हैं। गोगोई ने पीएम मोदी से तीन सवाल पूछे।

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू की। उन्होंने कहा, "हम अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए मजबूर हैं। यह कभी भी संख्या के बारे में नहीं था बल्कि मणिपुर के लिए न्याय के बारे में था। मैं प्रस्ताव पेश करता हूं कि यह सदन सरकार में अविश्वास व्यक्त करता है। I.N.D.I.A. मणिपुर के लिए यह प्रस्ताव लाया है। मणिपुर न्याय चाहता है।"

"प्रधानमंत्री ने संसद में न बोलने का मौन व्रत ले लिया है। इसलिए उनकी चुप्पी तोड़ने के लिए हमें अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा। हमारे पास उनके लिए तीन सवाल हैं: 1) वे आज तक मणिपुर क्यों नहीं गए? 2) आख़िरकार मणिपुर पर बोलने में लगभग 80 दिन क्यों लग गए और जब वे बोले तो सिर्फ़ 30 सेकंड के लिए? 3) प्रधानमंत्री ने अब तक मणिपुर के मुख्यमंत्री को बर्खास्त क्यों नहीं किया?"

गोगोई ने आगे कहा, "प्रधानमंत्री को यह स्वीकार करना होगा कि उनकी डबल इंजन सरकार, मणिपुर में उनकी सरकार विफल हो गई है। इसीलिए, मणिपुर में 150 लोगों की मृत्यु हुई, लगभग 5000 घर जला दिए गए, लगभग 60,000 लोग राहत शिविरों में हैं और लगभग 6500 FIR दर्ज की गई हैं। राज्य के CM, जिन्हें बातचीत का, शांति और सद्भाव का माहौल बनाना चाहिए था, उन्होंने पिछले 2-3 दिनों में भड़काऊ कदम उठाए हैं जिससे समाज में तनाव पैदा हो गया है।"

गौरतलब है कि इससे पहले, दिन में कांग्रेस के मुख्य सचेतक के सुरेश ने कहा था कि एक दिन पहले लोकसभा सांसद के रूप में बहाल हुए राहुल गांधी अविश्वास प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, चर्चा के लिए 12 घंटे का समय तय किया गया है। सत्तारूढ़ भाजपा को चर्चा में भाग लेने के लिए लगभग सात घंटे का समय मिलेगा और कांग्रेस पार्टी के लिए लगभग एक घंटा 15 मिनट का समय आवंटित किया गया है।

वाईएसआरसीपी, शिवसेना, जेडीयू, बीजेडी, बीएसपी, बीआरएस और एलजेपी को कुल 2 घंटे का समय दिया गया है, जिसे सदन में पार्टी के सांसदों की संख्या के हिसाब से बांटा गया है। अन्य दलों और निर्दलीय सांसदों के लिए 1 घंटा 10 मिनट की समय सीमा आवंटित की गई है।

भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में 8 और 9 अगस्त को बहस होने की संभावना है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 अगस्त को जवाब दे सकते हैं। बता दें कि 20 जुलाई को संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से ही विपक्षी सदस्य राज्यसभा में नियम 267 के तहत चर्चा की मांग कर रहे हैं।

ज्ञात हो कि मणिपुर में दो जनजातीय समुदायों मेइती और कुकी के बीच जातीय संघर्ष के बाद पिछले तीन महीनों से उबाल जारी है। इसमें अबतक कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं जबकि कई घायल हुए हैं।

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