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पैट कमिंस ने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी को बताया किला; कहा- मैं इसे फतह करना चाहता हूं

ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस ने अपने करियर में वनडे विश्व कप, एशेज और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप जीती...
पैट कमिंस ने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी को बताया किला; कहा- मैं इसे फतह करना चाहता हूं

ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस ने अपने करियर में वनडे विश्व कप, एशेज और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप जीती है लेकिन वह अभी तक बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी नहीं जीत पाए हैं और उनका लक्ष्य इस बार यह आखिरी किला भी फतह करना है. कमिंस ने इसके साथ ही कहा कि पहले टेस्ट मैच में करारी हार झेलने के बावजूद उनकी टीम वापसी करने के लिए प्रतिबद्ध है. कमिंस ने 2011 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था लेकिन उन्होंने भारत के खिलाफ अपना पहला टेस्ट मैच 2017 में खेला था. ऑस्ट्रेलिया 2014-15 के बाद भारत के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला नहीं जीत पाया है. पर्थ में पहले टेस्ट मैच में 295 रन की करारी हार के बाद ऑस्ट्रेलिया पांच मैच की श्रृंखला में 0–1 से पीछे चल रहा है.

ऑस्ट्रेलिया के कप्तान ने दूसरे टेस्ट मैच की पूर्व संध्या पर संवाददाताओं से कहा,‘‘ ऑस्ट्रेलिया के ड्रेसिंग रूम में मौजूद कई खिलाड़ियों ने अभी तक बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी नहीं जीती है. हमारे कई खिलाड़ियों के लिए अंतिम किला फतह करने जैसा है. पिछले कुछ वर्षों में हमने चुनौतियों का डटकर सामना करके अच्छा प्रदर्शन किया है. हमें इस श्रृंखला में भी ऐसा करने की जरूरत है.’’ कमिंस से पूछा गया कि क्या उन पर बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी जीतने का दबाव है, उन्होंने कहा,‘‘मुझे नहीं लगता कि हम पर किसी तरह का दबाव है. आप अपने घरेलू मैदान पर श्रृंखला खेल रहे हैं और आप अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं. हम जानते हैं कि भारत की टीम बेहद मजबूत है और हमने उससे जो पिछली तीन श्रृंखलाएं गंवाई हैं, हम में से कई खिलाड़ी उसका हिस्सा रहे हैं."

उन्होंने कहा,‘‘निश्चित रूप से यह बेहद महत्वपूर्ण श्रृंखला है लेकिन हम अतीत के परिणामों पर गौर नहीं करना चाहते हैं. गर्मियों के सत्र में जब भी हमने भारत का सामना किया हमने हमेशा अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश की.’’ कमिंस एशेज की तुलना बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (बीजीटी) से नहीं करना चाहते लेकिन उन्होंने भारतीय टीम के खिलाफ जंग को पिछले कुछ वर्षों में सबसे करीबी मुकाबला करार दिया. उन्होंने कहा,‘‘मुझे लगता है कि यह सबसे करीबी मुकाबला रहा है. मुझे लगता है कि एशेज का समृद्ध इतिहास रहा है, लेकिन मुझे लगता है कि बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी एक बहुत ही कड़ी श्रृंखला रही है जैसा कि मैंने हाल के दिनों में देखा है.’’

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