दिल्ली पुलिस ने फरवरी 2020 के दंगे से संबंधित हत्या के एक मामले में आरोपी पूर्व आप नेता ताहिर हुसैन की जमानत अर्जी का मंगलवार को उच्च न्यायालय में विरोध किया।
ताहिर हुसैन ने एआईएमआईएम के टिकट पर दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए अदालत से उसे रिहा करने का अनुरोध किया है।
पुलिस ने कहा कि वैसे चुनाव लड़ना कोई मौलिक अधिकार तो है नहीं, लेकिन वह हिरासत पैरोल पर औपचारिकताएं पूरी कर चुनाव लड़ सकता है। पुलिस के मुताबिक हुसैन फरवरी 2020 के दंगे का ‘मुख्य साजिशकर्ता’ और ‘धनप्रबंधक’ है।
अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा, ‘‘ हम नामांकन दाखिल करने, दस्तावेजों की जांच कराने, बैंक खाता खोलने में सहयोग करेंगे। हम कस्टडी पैरोल (ऐसी पेरोल जिसमें जेल से बाहर आने पर भी बंदी पुलिस की निगरानी में रहता है) देने के लिए तैयार हैं, भले ही चुनाव मौलिक अधिकार नहीं है।’’
न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनीं और कहा कि वह इस मामले में आदेश पारित करेंगी।
हुसैन ने एआईएमआईएम के टिकट पर मुस्तफाबाद निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए 14 जनवरी से नौ फरवरी तक के लिए अंतरिम जमानत की अनुरोध करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था।
हुसैन की वरिष्ठ वकील ने कहा कि चुनाव लड़ना एक जटिल प्रक्रिया है, जिसके लिए उनके मुवक्किल को न केवल 17 जनवरी तक अपना नामांकन दाखिल करना है, बल्कि बैंक खाता भी खोलना है और प्रचार भी करना है।