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विहिप ने की देश में ईशनिंदा कानून लाने की मांग, ट्विटर पर कतर एयरवेज के बहिष्कार का किया समर्थन

भाजपा के दो पदाधिकारियों द्वारा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित तौर पर बयान देने पर उपजे विवाद के बीच,...
विहिप ने की देश में ईशनिंदा कानून लाने की मांग, ट्विटर पर कतर एयरवेज के बहिष्कार का किया समर्थन

भाजपा के दो पदाधिकारियों द्वारा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित तौर पर बयान देने पर उपजे विवाद के बीच, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने सोमवार को कहा कि भारत में ईशनिंदा के विरुद्ध एक “कड़ा कानून” होना चाहिए। विहिप ने कतर एअरवेज का बहिष्कार करने का आह्वान करते हुए चलाए जा रहे ‘ट्विटर ट्रेंड’ का भी समर्थन किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध संगठन ने उक्त विवाद पर कतर सरकार के रुख पर सवाल उठाया और कहा कि वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में हाल में “मिले” शिवलिंग को जब कुछ लोगों ने फव्वारा बताया तो इससे हिंदू मान्यताओं का अपमान हुआ।


विहिप के बयान से एक दिन पहले सऊदी अरब, कतर, ईरान और कुवैत ने पैगंबर के विरुद्ध दिए गए बयान पर अपनी निंदा प्रकट की थी और “मान्यताओं तथा धर्मों का सम्मान” करने का आह्वान किया था।

पाकिस्तान ने भाजपा के दो प्रवक्ताओं द्वारा विवादास्पद टिप्पणी की अपनी स्पष्ट अस्वीकृति और निंदा करने के लिए भारतीय प्रभारी डी'एफ़ेयर को तलब किया। कतर और कुवैत ने भी बयान की निंदा करते हुए भारतीय राजदूतों को तलब किया।

संगठन के प्रवक्ता विनोद बंसल ने कतर सरकार के रुख पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, “हिंदू विरोधी और राष्ट्र विरोधी एम. एफ. हुसैन के लिए प्रेम और नूपुर शर्मा की निंदा… वाह कतर सरकार… ! कतर एअरवेज का बहिष्कार करें।”

विहिप के एक अन्य प्रवक्ता विजय शंकर ने ट्वीट किया, “भारत में, ईशनिंदा कानून की अब बहुत जरूरत है।” उन्होंने कहा, “काशी में शिवलिंग को फव्वारा बताकर हिंदू मान्यताओं का अपमान किया गया, अब यह देखना है कि उनके साथ क्या कार्रवाई की जाएगी।”


भाजपा ने रविवार को अपनी राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपुर शर्मा को निलंबित कर दिया और दिल्ली के अपने मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को निष्कासित कर दिया क्योंकि पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ उनकी कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर कुछ मुस्लिम देशों के विरोध के साथ विवाद बढ़ गया था।

मुस्लिम समूहों के प्रदर्शनों और कुवैत, कतर और ईरान जैसे देशों की तीखी प्रतिक्रिया के बीच, भाजपा ने एक बयान जारी कर कहा कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती है और किसी भी धार्मिक व्यक्तित्व के अपमान की कड़ी निंदा करती है।

लगभग 10 दिन पहले एक टीवी डिबेट के दौरान की गई शर्मा की टिप्पणियों और जिंदल के अब हटाए गए ट्वीट्स ने कुछ देशों में भारतीय उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान करते हुए एक ट्विटर ट्रेंड को जन्म दिया।

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के परेड, नई सड़क और यतीमखाना इलाकों में पिछले शुक्रवार को उस समय हिंसा भड़क गई थी, जब कुछ लोगों ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ नूपुर शर्मा की कथित अपमानजनक टिप्पणी पर दुकानदारों को शटर बंद करने के लिए मजबूर करने की कोशिश की थी।

विहिप के प्रवक्ता बंसल ने ट्विटर पर हिंसा में शामिल लोगों की आलोचना करते हुए कहा, "लोकतांत्रिक देश में न्यायालय को छोड़ सड़कों पर उत्पात पशुता, क्रूरता व बर्बरता नहीं तो क्या! कुछ लोग फांसी का फंदा लेकर ही निकलते हैं और जो काफ़िर मिला उसके गले में डाल देते हैं..!!"

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