उत्तर प्रदेश में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कै साथ सार्वजनिक बहस में भाग लेने के लिए तैयार हैं। उसके एक दिन बाद ही कांग्रेस नेता ने पत्रकार एन राम द्वारा भेजे गए निमंत्रण का जवाब देते हुए कहा कि इस ऐतिहासिक बहस में पूर्व न्यायधीश मदन बी लोकुल और अजीत पी शाह ने भी शामिल होने की इच्छा जताई है। राहुल गांधी ने लिखा, "कृपया हमें बताएं कि क्या प्रधानमंत्री भाग लेने के लिए सहमत हैं, जिसके बाद हम बहस के विवरण और प्रारूप पर चर्चा कर सकते हैं।"
आपकों बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए उन्हें “टेम्पो वाले अरबपतियों” का एक “कठपुतली राजा” बताया। कांग्रेस को “अडाणी और अंबानी” से “टेम्पो में नकदी” मिलने की टिप्पणी को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर अपना हमला जारी रखते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गांधी ने ‘एक्स’ पर एक वीडियो साझा किया जिसमें शुक्रवार को लखनऊ में एक कार्यक्रम में उनके भाषण के कुछ अंश शामिल हैं। वीडियो के साथ उन्होंने हिंदी में पोस्ट किया, “नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं, राजा हैं। एक ‘कठपुतली राजा’ जिनकी डोर ‘टेम्पो वाले अरबपतियों’ के हाथों में है।”
लखनऊ में कार्यक्रम में गांधी ने प्रधानमंत्री पर संविधान पर हमला करने का आरोप लगाया था और कहा था कि वह एक “राजा” हैं। गांधी ने कार्यक्रम में कहा था, “मोदी जी राजा हैं।।।वह प्रधानमंत्री नहीं, राजा हैं। उन्हें मंत्रिमंडल, संसद या संविधान से कोई लेना-देना नहीं है। वह 21वीं सदी के राजा हैं और दो या तीन फाइनेंसर के लिए मुखौटा हैं जिनके पास वास्तविक शक्ति है।” प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को एक चुनावी रैली में कांग्रेस पर “अंबानी और अडाणी” के साथ “सौदा” करने का आरोप लगाया था और पूछा था कि क्या पार्टी को उन्हें “गाली देना” बंद करने के लिए दो उद्योगपतियों से “काले धन का टेम्पो भरा” मिला था।
कांग्रेस द्वारा अब तक “अंबानी-अडाणी” मुद्दे का इस्तेमाल मोदी और उनकी सरकार पर निशाना साधने के लिए किया जाता था, लेकिन अब विमर्श में बदलाव करते हुए प्रधानमंत्री ने मांग की कि पार्टी यह बताए कि उसने इस मुद्दे को उठाना क्यों बंद कर दिया है जैसा कि उसके “शहजादे (राहुल गांधी)” पिछले पांच वर्षों से करते थे और पूछा कि क्या उसने “सौदा” किया है। गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि प्रधानमंत्री को इस संबंध में सीबीआई या ईडी जांच का आदेश देना चाहिए कि क्या अडाणी और अंबानी ने पार्टी को काला धन भेजा था।