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उद्धव ठाकरे के 65वें जन्मदिन पर राज का मातोश्री दौरा, 13 साल बाद घर में रखा कदम

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने रविवार, 27 जुलाई 2025 को अपने चचेरे भाई और शिवसेना...
उद्धव ठाकरे के 65वें जन्मदिन पर राज का मातोश्री दौरा, 13 साल बाद घर में रखा कदम

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने रविवार, 27 जुलाई 2025 को अपने चचेरे भाई और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे को उनके 65वें जन्मदिन पर शुभकामनाएं देने के लिए मातोश्री का दौरा किया। यह मुलाकात महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण क्षण है, क्योंकि दो दशकों तक अलग रहे ये दोनों नेता हाल ही में 5 जुलाई 2025 को मुंबई के वर्ली में आयोजित 'विजय' रैली में एक साथ नजर आए थे।

राज ठाकरे अपने दादर स्थित आवास से सुबह मातोश्री, उद्धव ठाकरे के बांद्रा स्थित निवास पर पहुंचे। इस दौरान क्षेत्र में भारी भीड़ थी। दोनों ठाकरे भाइयों ने एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं और तस्वीरों के लिए पोज किया, जिसने महाराष्ट्र में राजनीतिक चर्चाओं को हवा दे दी। यह मुलाकात 13 साल बाद राज ठाकरे की मातोश्री में पहली स्वैच्छिक यात्रा थी, इससे पहले वे 2012 में बाला साहेब ठाकरे के निधन के समय वहां गए थे।

'अवाज मराठिचा' (मराठी की आवाज) शीर्षक वाली संयुक्त रैली में दोनों नेताओं ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्राथमिक स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य करने के फैसले को रद्द करने का जश्न मनाया था। इस रैली में उद्धव ने कहा, "हम एक साथ आए हैं और एक साथ रहेंगे... हमने मराठी की रक्षा के लिए एकजुट हुए हैं।" राज ठाकरे ने मजाक में कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने वह कर दिखाया जो बाला साहेब ठाकरे भी नहीं कर पाए, यानी दोनों भाइयों को एक साथ लाना।

इस मुलाकात ने आगामी बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनावों से पहले संभावित गठबंधन की अटकलों को और हवा दी है। उद्धव और राज ने रैली में संकेत दिया था कि वे बीएमसी और महाराष्ट्र में सत्ता हासिल करने के लिए एक साथ काम कर सकते हैं। हालांकि, कुछ नेताओं, जैसे महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल और रामदास अठावले ने इस गठबंधन की स्थिरता पर सवाल उठाए हैं।

मातोश्री में राज ठाकरे के साथ मनसे नेता बाला नांदगावकर और नितिन सरदेसाई भी मौजूद थे। उद्धव के जन्मदिन समारोह में शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत, अनिल परब और अंबादास दानवे जैसे नेता भी शामिल हुए। यह मुलाकात, जो लगभग 20-25 मिनट तक चली, महाराष्ट्र की राजनीति में एक नए समीकरण की संभावना को दर्शाती है।

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