राजस्थान विधानसभा चुनाव में राजनीतिक फलक पर भले ही कई राष्ट्रीय और स्थानीय मुद्दे नजर आ रहे हों, लेकिन जिन तीन प्रमुख चेहरों की शहर से लेकर कस्बों और गांव-ढाणियों तक विमर्श तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका दिख रही है वो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तथा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सबसे बड़ी ताकत नजर आ रही है तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी योजनाओं और ‘गारंटी’ के माध्यम से व्यापक जनमानस तक पहुंच स्थापित करते दिख रहे हैं।मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा ने वसुंधरा राजे का नाम भले ही ना घोषित किया हो, लेकिन राजस्थान के बहुत सारे मतदाताओं का ऐसा मानना है कि अगर उनका चेहरा सामने होता तो संभव है कि इस चुनाव की तस्वीर बिल्कुल साफ होती।
अजमेर निवासी वीके जैन परंपरागत रूप से भाजपा के मतदाता हैं। उनका कहना है कि वह प्रधानमंत्री मोदी को मजबूती देने के लिए भाजपा को वोट देंगे। उन्होंने ‘पीटीआई’ से कहा, ‘यह सच है कि प्रदेश का चुनाव है, लेकिन यह भी जरूरी है कि हमारे राजस्थान का तेजी से विकास हो। केंद्र में मोदी जी की सरकार है और अगर यहां भाजपा की सरकार बनती है तो राजस्थान का तेज गति से विकास होगा। हमारे लिए मोदी ‘फैक्टर’ सबसे बड़ा है। ‘
अजमेर उत्तर और अजमेर दक्षिण विधानसभा क्षेत्रों में कई ऐसे मतदाता मिले जिनका यह कहना था कि वह लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में अलग-अलग प्राथमिकताओं के आधार पर वोट करेंगे। पेशे से ऑटो चालक राजेश कोली ने कहा, ‘मैं ऐसे कई लोगों को जानता हूं जिन्हें गहलोत सरकार की स्वास्थ्य बीमा योजना (चिरंजीवी) से फायदा हुआ है। 500 रुपये के गैस सिलेंडर का फायदा मुझे खुद मिल रहा है। कई बातों पर विचार करने के बाद इस बार हमने कांग्रेस के वोट देने का मन बनाया है।’