राजस्थान में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर संशय बरकरार रहने के बीच पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बुधवार रात को ही दिल्ली पहुंचने की संभावना है। राजे खेमे के सूत्रों ने बताया कि वह बृहस्पतिवार को पार्टी आलाकमान से मुलाकात करेंगी। यह घटनाक्रम तब हुआ जब लगभग 60 नवनिर्वाचित विधायकों ने सोमवार और मंगलवार को उनके सिविल लाइंस स्थित आवास पर उनसे मुलाकात की।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री का नाम संसदीय बोर्ड तय करेगा और उससे पहले पार्टी विधायक दल की बैठक बुलाई जाएगी। हालांकि, विधायक दल की बैठक को लेकर पार्टी ने अभी तक कोई घोषणा नहीं की है। दो बार की मुख्यमंत्री रहीं राजे मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे हैं।
विधानसभा चुनाव के रविवार को घोषित नतीजों में भाजपा को 115 सीटों का जनादेश मिला जबकि कांग्रेस 69 सीटें हासिल की है। राज्य की 200 में से 199 सीटों पर चुनाव हुए हैं। करणपुर सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार के निधन के कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया था। यहां अब चुनाव पांच जनवरी को होंगे और परिणाम आठ जनवरी को घोषित किए जाएंगे।
इससे पहले राजस्थान विधानसभा चुनाव में मैदान में उतारे गए सांसद महंत बालकनाथ का भी नाम मुख्यमंत्री पद के लिए खूब लिया जा रहा था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरह बालकनाथ भी नाथ समुदाय से आते हैं और अलवर में उनका जबरदस्त समर्थन और अनुयायी हैं। उन्होंने अपने बचपन के दिनों में 6 साल की उम्र में संन्यास ले लिया था। उनके परिवार के सदस्यों ने यह निर्णय लिया था कि वह एक संत बनेंगे।
बालकनाथ का तर्क है कि वह हमेशा समाज की सेवा करना चाहते थे। उन्होंने कहा, "माध्यम कोई भी हो, समाज की सेवा की जानी चाहिए और मैं यही कर रहा हूं।" शीर्ष पद के लिए अन्य दावेदार में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का भी नाम शामिल है।