जेडीयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव अपने धड़े को असली पार्टी के रूप में पेश करने की तैयारी में हैं। शरद यादव के धड़े का दावा है कि कई स्टेट यूनिट उनके साथ हैं जबकि पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार को केवल बिहार यूनिट का समर्थन हासिल है।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने शरद यादव के करीबी अरुण श्रीवास्तव हवाले से बताया कि जेडीयू शरद यादव की पार्टी है ना कि नीतीश कुमार की। श्रीवास्तव ने कहा कि पूर्व पार्टी अध्यक्ष के धड़े को 14 स्टेट यूनिट के अध्यक्षों का समर्थन प्राप्त है। यादव के धड़े में दो राज्यसभा सांसद और पार्टी के कुछ राष्ट्रीय पदाधिकारी शामिल हैं।
गौरतलब है नीतीश कुमार ने हाल ही में शरद यादव को जेडीयू महासचिव के पद से हटा दिया था। श्रीवास्तव ने जेडीयू की पहचान बिहार तक सीमित होने के कुमार के बयान को खारिज करते हुए कहा कि पार्टी की हमेशा से राष्ट्रीय स्तर पर पहचान रही है।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने अपने राजनीतिक दल समता पार्टी का जेडीयू में विलय किया, तो उस समय शरद यादव पार्टी प्रमुख थे। श्रीवास्तव ने कहा, "हम पार्टी नहीं छोड़ेंगे। नीतीश कुमार ने खुद कहा है कि पार्टी का अस्तित्व बिहार से बाहर नहीं है। ऐसे में उनको बिहार के लिए नई पार्टी का गठन करना चाहिए। उनको जेडीयू पर कब्जा करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, जिसकी हमेशा से राष्ट्रीय स्तर पर उपस्थिति रही है।"
सामाजिक विचारधारा वाले जनता परिवार में विलय और विघटन का पुराना इतिहास रहा है। इससे पहले जेडीयू ने शरद यादव को राज्यसभा में संसदीय दल के नेता पद से हटा दिया था। नीतीश कुमार ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी की अपनी यात्रा के दौरान यह कहते हुए यादव से सुलह की गुंजाइश को परोक्ष रूप से खत्म कर दिया था कि वह कोई भी निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं क्योंकि भाजपा के साथ गठबंधन का फैसला पूरी पार्टी का था।
गौरतलब है कि जब से जेडीयू-बीजेपी के गठबंधन वाली सरकार बनी है, तब से शरद यादव इससे नाराज चल रहे हैं। इसी के चलते जेडीयू ने शनिवार को पार्टी के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव को पार्टी संसदीय दल के प्रमुख पद से हटा दिया। दूसरी तरफ शरद यादव गुरुवार से बिहार की तीन दिवसीय यात्रा शुरू कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने 17 अगस्त को समान विचारों वाले नेताओं की दिल्ली में बैठक भी बुलाई है।