राजस्थान में छात्रसंघ के नतीजों ने जहां आम आदमी पार्टी के लिए शुभ संकेत दिया है। वहीं भाजपा और कांग्रेस के सामने एक चुनौती पेश किया है। दरअसल सूबे में हुए छात्रसंघ चुनाव के द्वारा आम आदमी पार्टी ने राजस्थान की सियासत में दस्तक दे दी है।
विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के छात्रसंघ चुनाव के परिणामों में आप से संबंद्ध राजस्थान छात्र युवा संघर्ष समिति (सीवाईएसएस) प्रचलित छात्र दल एबीवीपी और एनएसयूआई को टक्कर देती नजर आई।
दरअसल, राजस्थान की राजनीति में अभी तक भाजपा और कांग्रेस का ही कब्जा रहा है। छात्र राजनीति में कमोबेस यही स्थिति रही है।
आम आदमी पार्टी ने दावा किया है कि सीवाईएसएस ने छात्रसंघ चुनाव में 12 अध्यक्ष पद, 8 पैनल, 35 उम्मीदवारों के साथ दो यूनिवर्सिटी के 50 से ज्यादा सीटों पर पार्टी ने कामयाबी पाई है। सीवाईएसएस के उम्मीदवारों की जीत को आम आदमी पार्टी बड़ी सफलता मान रही है।
कैंडिडेट की संख्या: 83
शाम 6 बजे तक 46 सीटों पर जीत
बीकानेर- 16
जयपुर- 11
जोधपुर- 9
उदयपुर- 5
भारतपुर- 6
अध्यक्ष पदों पर जीत- 12
आप नेता और राजस्थान प्रभारी कुमार विश्वास ने ट्वीट कर कहा, “बधाई @CYSSRJ और @AAPRajasthan के कार्यकर्ताओं को, जिनके श्रम से चुनाव में बड़ी सफलता मिली। हम सब एकत्रित हो कर #BackToBasics को मजबूत करें।”
बधाई @CYSSRJ और @AAPRajasthan के कार्यकर्ताओं को, जिनके श्रम से चुनाव में बड़ी सफलता मिली। हम सब एकत्रित हो कर #BackToBasics को मजबूत करें। pic.twitter.com/FuqqHJPAB0
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) 4 September 2017
वहीं एबीपी न्यूज के मुताबिक, विश्वास ने कहा कि यह चुनाव उनके ‘बैक टू बेसिक’ को ध्यान में रख कर लड़ा गया था और जहां राजस्थान की छात्र राजनीति जातिगत समीकरण पर आधारित होती थी, इस बार के परिणाम संकेत देते हैं कि बिना जातिगत राजनीति के और सकारात्मक राजनीति के आधार पर भी चुनाव लड़े और जीते जा सकते हैं।
पिछले महीने 28 तारीख को छात्रसंघ चुनाव के लिए मतदान हुआ था। नतीजे आने के बाद एबीवीपी ने दावा किया है कि 9 विश्वविद्यालयों में 6 पर उनकी जीत हुई है साथ 70 फीसदी महाविद्यालयों में उन्हें कामयाबी मिली है।