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नेताओं में आप का विश्वास डिगा, रघुराम राजन को भेज सकती है राज्यसभा

आंतरिक कलह से जूझ रही आम आदमी पार्टी (आप) राज्यसभा में गैर राजनीतिक लोगों को भेजने पर गंभीरता से विचार...
नेताओं में आप का विश्वास डिगा, रघुराम राजन को भेज सकती है राज्यसभा

आंतरिक कलह से जूझ रही आम आदमी पार्टी (आप) राज्यसभा में गैर राजनीतिक लोगों को भेजने पर गंभीरता से विचार कर रही है। रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन से पार्टी ने इस संबंध में संपर्क भी किया है। हालांकि राजन ने अभी तक इस प्रस्ताव पर कोई जवाब नहीं दिया है।

नए साल की शुरुआत में दिल्ली की राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव होना है। 70 सदस्यीय विधानसभा में से 66 सीटें आप के पास है। लिहाजा तीनों सीटों पर उसकी जीत पक्की है। लेकिन, पंजाब विधानसभा चुनाव के बाद से नेताओं के बीच जारी उठा-पठक ने पार्टी को अपनी रणनीति बदलने के लिए मजबूर किया है। पहचान गुप्त रखने की शर्त पर आप के एक नेता ने बताया, राज्यसभा में पार्टी किसी नेता को नहीं भेजेगी। राजन के अलावा न्यायिक और समाजसेवा के क्षेत्र से एक-एक प्रतिष्ठित व्यक्ति को पार्टी संसद के उच्च सदन में भेजने पर विचार कर रही है। इन लोगों से पार्टी संपर्क कर चुकी है और अब उनके जवाब का इंतजार है।

पार्टी का मानना है कि गैर राजनीतिक लोगों को राज्यसभा में भेजने का सीधा फायदा आप को दिल्ली के बाहर मिलेगा। 2019 में होने वाले आम चुनाव से पहले विभिन्न क्षेत्रों के लोग पार्टी से जुड़ सकते हैं। इससे पार्टी के भीतर गुटबाजी पर रोक भी लगेगी। असल में, कुमार विश्वास, संजय सिंह, आशुतोष और दिलीप पांडेय जैसे बड़े नेता फिलहाल राज्यसभा के लिए उम्मीद लगाए बैठे हैं। पिछले दिनों पार्टी विधायक अमानतुल्‍लाह खान का निलंबन वापस लिए जाने का विरोध करते हुए कुमार विश्‍वास ने कहा था कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि उनके राज्‍यसभा जाने के रास्‍ते में रोड़ा अटकाया जा सके। ऐसे में यदि पार्टी बाहर के लोगों को मनोनीत करने का फैसला लेती है, तो उनके लिए भी खुद के लिए दबाव बनाना मुश्किल हो जाएगा।

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