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आप के 2 सांसद निलंबित, पार्टी विरोधी सक्रियता का आरोप

आम आदमी पार्टी ने शनिवार को एक बड़ा फैसला करते हुए अपने दो सांसदों को निलंबित कर दिया। पंजाब से आने वाले इन दोनों सांसदों को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में निलंबित किया गया है। लेकिन यह भी सच है कि इन दोनों सांसदों को योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण का करीबी माना जाता था। और यही कारण है कि पार्टी में काफी दिनों से इन पर कार्रवाई की चर्चा चल रही थी।
आप के 2 सांसद निलंबित, पार्टी विरोधी सक्रियता का आरोप

शनिवार को आम आदमी पार्टी ने अपने दो सांसदों को निलंबित कर दिया। शनिवार को पार्टी की ओर से पंजाब से सांसद धर्मवीर गांधी और हरिंदर सिंह खालसा को सस्पेंड करने का एलान किया गया। इनके खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधयों में शामिल होने का आरोप था और उसी आलोक में पंजाब की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी (पीएसी) ने दोनों सांसदों को सस्पेंड किया है। गांधी पटियाला से और खालसा फतेहगढ़ साहिब से सांसद हैं। आगे की कार्रवाई के लिए एनडीएसी (नेशनल डिसीप्लीनरी एक्शन कमिटी) के पास मामला भेजा गया है। पार्टी की ओर से एक प्रेस रिलीज जारी कर इस कार्रवाई की जानकारी दी गई। एनडीएसी के तीन सदस्य पंकज गुप्ता, दिलीप पांडे और दीपक बाजपेयी अब उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। गौरतलब है कि 2014 लोकसभा चुनाव में आप के जीते सभी चार सांसद पंजाब से आते हैं ।

पिछले काफी समय से पार्टी इन सांसदों की गतिविधियों से नाराज चल रही थी। इन दोनों सांसदों पर आप के लोगों की तरफ से ही पार्टी विरोधी कई गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगता रहा है। पंजाब में इन सांसदों ने पार्टी के खिलाफ रैली भी की थी और इन पर पंजाब में अलग से संगठन खड़ा करने का भी आरोप है। दोनों सांसदों पर अपनी रैलियों में अरविंद केजरीवाल और पंजाब में पार्टी के अन्य सांसद भगवंत मान और साधु सिंह के फोटो के इस्तेमाल करने का आरोप है। इन दोनों सांसदों को योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण का करीबी माना जाता रहा है। अभी हाल ही में धर्मवीर गांधी ने योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के नेतृत्व वाले 'जय किसान आंदोलन' में कार्यकर्ताओं को शामिल होने को भी कहा था। इन दोनों ने खुलेआम पार्टी के निर्णय का विरोध करते हुए योगेंद्र और प्रशांत भूषण को पार्टी से निकाले जाने को गलत बताया था। आप के दोनों सांसदों ने योगेंद्र और प्रशांत के स्वराज अभियान का खुलेआम समर्थन किया था।

वहीं निलंबन पर सांसदों ने हैरानी जताते हुए कहा कि हमने कोई अनुशासन नहीं तोड़ा। पार्टी में आवाज उठाना अनुशासन तोडना नहीं होता है। पार्टी में धर्मवीर गांधी और हरिंदर सिंह खालसा को केजरीवाल का विरोधी माना जाता रहा है। वहीं योगेंद्र यादव ने इन सांसदों के निलंबन पर कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया कि दिल्ली दरबार ने गांधी और खालसा को सस्पेंड कर दिया है। ये इन स्वाभिमानी पंजाबियों को मिल रहे समर्थन से हैरान और डरे हुए थे। ये दरअसल सच से डर रहे थे। 

 

 

 

 

 

 

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