मौजूदा हालात पर आम आदमी पार्टी ने अपने नेताओं की आज शाम आपात बैठक बुलाई है। बीस विधायकों की सदस्यता पर चुनाव आयोग के फैसले के बाद से पार्टी सकते हैं और उसके ऊपर चौतरफा हमला हो रहा है।
मालूम हो कि शुक्रवार को चुनाव आयोग ने लाभ के पद के मामले में आप के बीस विधायकों को सदस्यता रद्द करने के लिए राष्ट्रपति को सिफारिश भेजी है जिसके बाद से राजनैतिक हल्कों में खासा तूफान मचा हुआ है। आम आदमी पार्टी ने जहां चुनाव आयोग के फैसले पर सवाल खड़ा करते हुए पक्षपात का आरोप लगाया वहीं विपक्षी कांग्रेस और भाजपा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से नैतिकता के आधार पर इस्तीफे की मांग की है।
इससे पहले आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि चुनाव आयोग ने पार्टी के विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के मामले में उचित प्रक्रिया नहीं अपनाई गई। आयोग की सिफारिश एकपक्षीय और पक्षपातपूर्ण है। उनके विधायकों का पक्ष भी नहीं सुना गया तथा आयोग ने सारे नियम कायदों को ताक पर रख दिया। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकतंत्र का गला घोंट रहे हैं और अब देश में कोई संवैधानिक संस्था नांम की कोई चीज नहीं बची है। देश के इतिहास में यह पहला दफा हुआ है कि सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने खुल तौर पर लोकतंत्र के खतरे को लेकर सवाल उठाया है।