साल 2004 में शांति के लिए रेमन मैगसेसे पुरस्कार प्राप्त करने वाले रामदास ने कहा कि वह आप के निर्णय से स्तब्ध और हैरान हैं और सवाल किया कि अगर उनका कार्यकाल पहले ही समाप्त हो गया था, जैसा कि पार्टी कह रही है, तब दिल्ली में विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें क्यों पार्टी के आतंरिक लोकपाल के रूप में काम करने की अनुमति दी गई थी।
रामदास ने पार्टी महासचिव पंकज गुप्ता को भेजे ईमेल में कहा, अगर कोई एेसा संकेत दिया जाता कि मेरा कार्यकाल समाप्त हो गया है, तब मैं वह सब कार्य नहीं देखता जिसे अब अवैध करार दिया जा सकता है।
उन्होंने इस संदर्भ में विभिन्न शिकायतों की जांच के कार्य का जिक्र किया जिसमें आरविंद केजरीवाल और राष्ट्रीय कार्यकारणी के अन्य सदस्यों की जांच परख का कार्य शामिल है।
रामदास ने कहा कि पार्टी ने उन्हें बर्खास्त करने से चार दिन पहले तक उनसे विचार विमर्श किया और कुछ तक सवाल भेजे।
उन्होंने कहा, आपको यह भी याद होगा कि जनवरी 2015 में आपने पार्टी राष्ट्रीय सचिव के तौर पर मेरे पास जांच के लिए 12 विधानसभा उम्मीदवारों से जुड़ी शिकायतें भेजी थी।
रामदास ने कहा, मैंने इन उम्मीदवारों के बारे में रिपोर्ट समय पर आपके और अन्य संबंधित लोगों के समक्ष पेश की ताकि वे 21 जनवरी 2015 तक नामांकन पत्रा दाखिल कर सकें।
उन्होंने कहा कि इस दौरान मिली शिकायतों पर उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर मनीष सिसोदिया, आशीष खेतान, आनंद कुमार, गोपाल राय के साथ ही राष्टीय कार्यकारणी के सदस्य प्रशांत भूषण, योगेन्द्र यादव और अरविंद केजरीवाल की जांच की थी।