कुमार सात सर्कुलर रोड बंगले में रहते हैं जो कि प्रसाद के निवास से कुछ ही दूरी पर है। फोटोग्राफरों ने घर से बाहर निकलते समय प्रसाद और कुमार की तस्वीरें उतारी। दोनों ने एक-दूसरे का हाथ पकड़कर तस्वीरें खिंचवाकर एकता का संकेत दिया।
इस मौके पर लालू प्रसाद से पूछा गया कि कुमार के ट्वीट पर क्या कोई भ्रम था? इसपर राजद अध्यक्ष ने संवाददाताओं से कहा कि कोई भ्रम था ही नहीं तो उसे दूर करने का सवाल कहां से उठता है। उन्होंने कहा, पहले भाजपा कहती थी कि हम साथ आ ही नहीं सकते और अब यह हो गया है तो आधारहीन आरोप लगाकर परेशानी पैदा करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, हमने आगामी बिहार चुनावों को लेकर रणनीति पर बात की। बैठक के बारे में पूछे जाने पर विवाद को तवज्जो नहीं देते हुए कुमार ने कहा, चलिये हो गया।
मुख्यमंत्री के एक ट्वीट से बिहार में खलबली मच गई थी क्योंकि इसे उनके सहयोगी राजद प्रमुख लालू प्रसाद के खिलाफ माना गया। लेकिन कुमार ने बाद में साफ किया कि उनका बयान भाजपा के लिए था जिसकी विद्वेषपूर्ण सोच भी उन्हें राज्य में भाजपा-जदयू के साढ़े सात साल के शासन काल के दौरान बिहार में विकास के मार्ग से भटका नहीं पाई। ट्वीट के बाद तब विवाद पैदा हो गया जब राजद नेताओं ने कुमार पर तीखी टिप्पणी की।
मुद्दे को लेकर विपक्षी भाजपा ने आलोचना की और आरोप लगाया कि केवल भगवा पार्टी को रोकने के लिए मन मिले बिना ही दोनों ने हाथ मिलाया। जदयू और राजद के साथ धर्मनिरपेक्ष गठबंधन की भागीदार कांग्रेस ने रहीम के एक और दोहे का इस्तेमाल करते हुए दोनों सहयोगी पार्टियों को ऐसे बयानों से परहेज करने को कहा जिससे मधुर संबंध खत्म होने का खतरा हो।