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देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होने के बाद सोरेन सरकार पर बरसे भाजपा प्रदेश अध्‍यक्ष, कहा- 'मैं रांची में हूं, हिम्‍मत है तो गिरफ्तार करें'

दो-तीन माह में झारखंड की हेमंत सरकार के चले जाने वाले भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष दीपक प्रकाश के दुमका...
देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होने के बाद सोरेन सरकार पर बरसे भाजपा प्रदेश अध्‍यक्ष, कहा- 'मैं रांची में हूं, हिम्‍मत है तो गिरफ्तार करें'

दो-तीन माह में झारखंड की हेमंत सरकार के चले जाने वाले भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष दीपक प्रकाश के दुमका में दिये गये बयान के बाद उनपर देश द्रोह ( आइपीसी की धारा 124 ' ए') के मुकदमा को लेकर दीपक प्रकाश रविवार को हेमंत सरकार पर और बरसे। आरोपों की झड़ी लगाते हुए हर लाइन पर बोलते रहे, मैं तो पूछूंगा। कहा कि हिम्‍मत है तो हेमंत सरकार की पुलिस गिरफ्तार करे। अभी पार्टी कार्यालय में हूं फिर शहर में घूमने निकलूंगा, सोमवार को दस बजे तक रांची में रहेंगे। उसके बाद दिल्‍ली जायेंगे और तीन नवंबर को पुन: वापस लौटेंगे।
 
अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर बोले कि धारा पुलिस तय करती है मगर प्राथमिकी दर्ज कराने वाले ने जो धारा लिखकर दिया वही पुलिस ने दर्ज कर लिया। एक राष्‍ट्रभक्‍त को एक घंटे में देश द्रोही करार दिया गया। मैं संघर्ष से निकला हूं, जेल जाने से नहीं डरता। आपात काल के दौरान जेल गया, डा. जगन्‍नाथ मिश्र के शासन में सात बार और लालू प्रसाद के शासन के दौरान भी जेल गया। और यहां तो बैसाखी पर टिकी सरकार है
 
हेमंत सरकार अंतर्विरोध के कारण जायेगी, अपने बयान पर कायम हूं
 
रविवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उन्‍होंने कहा कि दुमका में दिये बयान के स्‍टैंड पर वे पूरी तरह कायम हैं। कहा कि हेमंत सरकार अपने अंतरविरोध के कारण जाने वाली है। कब तक, सवाल पर तीन उंगलियां दिखाईं और निकल गये। इसके पूर्व उन्‍होंने कहा कि मुख्‍यमंत्री और मंत्रियों को छोड़ किसी की नहीं चलती। विधायकों का चपरासी से लेकर बीडीओ, सीओ तक कोई नोटिस नहीं लेता। इसी का असंतोष है। अंतर्विरोध से हेमंत सरकार खुद गिरेगी।  उप चुनाव में पराजय की आशंका से मुख्‍यमंत्री डरे हुए हैं। दुमका में सड़क मार्ग के बदले तमाम सभाएं उड़न खटोले से की। डर था कि सड़क मार्ग से जायेंगे तो जनता का विरोध झेलना पड़ेगा। कहा कि मुख्‍यमंत्री का प्रभार संभालते ही हेमंत सोरेन ने पत्‍थलगड़ी के देश द्रोह के तमाम मुकदमे उठा लिये। हेमंत शासन के दौरान सामूहि दुष्‍कर्म और हत्‍या, भूख से मौत, झारखंड आंदोलनकारियों की पेंशन बंद होने, आदिवासी-मूलवासी 12 हजार शिक्षकों की नौकरी खतरे में डालने जैसे मामलों का ब्‍योरा पेश करते हुए कहते रहे राज्‍य की जनता की आवाज बनकर मैं तो बोलूंगा। 
 
बीस मिनट में पढ़ गये पांच हजार पेज
 
मानवाधिकार कार्यकर्ता स्‍टेन स्‍वामी की राष्‍ट्रीय सुरक्षा एजेंसी एनआइ द्वारा गिरफ्तारी की चर्चा करते हुए कहा कि अदालत में पांच हजार पेज का आरोप पत्र समर्पित किया गया है मगर बीस मिनट के भीतर ही हेमंत सोरेन ने स्‍टेन स्‍वामी को क्‍लीन चिट दे दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्‍या की साजिश से जुड़ा मामला है। हत्‍या के लिए एम 4 राइफल और चार लाख गोलियां खरीदने की योजना बनी थी।

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