खास बात यह है कि समाजवादी पार्टी के कोर वोटरों यानी यादव-मुसलमानों के बीच भी अब नेताजी की वैसी लोकप्रियता नहीं है जैसी कभी हुआ करती थी। अखिलेश यादव ने इस वोट बैंक में लोकप्रियता के मामले में मुलायम सिंह यादव के मुकाबले बड़ी लीड बना रखी है। यादव वोटरों में 70.3% लोग अखिलेश को नेता और सीएम के रूप में पसंद करते हैं, तो मुलायम सिंह यादव को मात्र 26.1% लोगों ने अपना समर्थन दिया। कभी मौलाना मुलायम कहकर पुकारे गए नेताजी की हालत मुसलमानों के बीच भी खस्ता है। यहां 75.6% लोगों ने अखिलेश को अपनी पसंद माना तो मात्र 19.4% लोगों ने मुलायम सिंह को अपनी पसंद कहा। अन्य जातियों के वोटरों में भी अखिलेश की लोकप्रियता अपने पिता के मुकाबले बहुत अधिक है।
सर्वे में पूछा गया कि अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव में कौन लोकप्रिय है तो अखिलेश यादव को 77.1 प्रतिशत जबकि शिवपाल यादव को सिर्फ 6.9 प्रतिशत लोगों ने अपनी पसंद बताया। सपा समर्थकों के बीच अखिलेश की लोकप्रियता 88.1 फीसदी जबकि शिवपाल की लोकप्रियता 4.6 फीसदी है। एक सवाल यह पूछा गया कि सीएम के रूप में मुलायम और अखिलेश में किसी एक को चुनना पड़े तो किसे चुनेंगे तो अखिलेश यादव को 66.7 प्रतिशत और मुलायम सिंह यादव को 19.1 प्रतिशत लोगों ने अपनी पसंद बताया।क्या अखिलेश यादव सपा की आपराधिक छवि से निजात दिलाने की कोशिश कर रहे हैं, यह पूछे जाने पर 38.2 फीसदी लोगों ने कहा कि अखिलेश ऐसी कोशिश कर रहे हैं लेकिन सफल नहीं हो पा रहे हैं। 24.2 फीसदी लोगों ने कहा कि वह बस चुनावी मौसम में पैंतरा दिखा रहे हैं। एक सवाल यह था कि क्या अखिलेश यादव को अपनी पार्टी में मुख्तार अंसारी और डीपी यादव जैसे नेताओं को जगह देनी चाहिए तो 19.4% ने हां जबकि 60.7% ने ना कहा।