राजभवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल राम नाईक ने गायत्री प्रजापति, मनोज पाण्डेय, शिवाकांत ओझा और जियादुद्दीन रिजवी को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी। दो हफ्ते पहले बर्खास्त गायत्री को राज्य कैबिनेट में शामिल करने के फैसले को एक सामाजिक कार्यकर्ता ने हालांकि चुनौती दी थी। रिजवी जून में हुए कैबिनेट विस्तार में शपथ नहीं ले पाये थे क्योंकि वह उस समय विदेश में थे।
इससे पहले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गायत्री प्रजापति और राजकिशोर सिंह को बर्खास्त कर दिया था। इनकी बर्खास्तगी के बाद समाजवादी पार्टी में अंदरूनी कलह शुरू हो गई और अखिलेश यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर शिवपाल सिंह यादव को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया। उसके बाद अखिलेश ने प्रदेश के मुख्य सचिव रहे दीपक सिंघल को हटाया और शिवपाल यादव से कई महत्वपूर्ण विभाग दीन लिए। बाद में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के हस्तक्षेप के बाद शिवपाल को विभाग वापस मिले और गायत्री प्रजापति को मंत्रिमंडल में शामिल करने की बात हुई।
मंत्रिमंडल विस्तार इस सरकार का आखिरी विस्तार माना जा रहा है। दिलचस्प बात यह है कि गायत्री के साथ बर्खास्त किये गये राज किशोर सिंह वापसी करने में नाकामयाब रहे। स्वतंत्र प्रभार के साथ राज्य मंत्री रहे रियाज अहमद, यासर शाह और रविदास मेहरोत्रा को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। राज्य मंत्री अभिषेक मिश्रा, नरेन्द्र वर्मा और शंखलाल माझी को भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।