साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के खिलाफ गठबंधन पर ममता ने कहा कि मैं सभी पार्टियों से अपील करती हूं। मैं अपने दोस्तों से साथ आने और एक साथ रहने के लिए कहती हूं। हमें एक साथ मिलकर लड़ना चाहिये।
पिछले सप्ताह राष्ट्रीय राजनीति को हिला देने वाली अनेक गंभीर घटनाओं की पृष्ठभूमि में कांग्रेस, जद :यू:, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी ने ममता के बयान का स्वागत किया। ममता ने कहा, हम अकेले ही लड़ रहे हैं। यदि कोई साथ आता है, यह उनके उपर है। जो कुछ भी हो रहा है वह हमारे देश और संघवाद की भावना के खिलाफ है। सरकार से सवाल करने से आप राष्ट्रदोही नहीं हो जाते। किसी को भी हमारी देशभक्ति पर सवाल नहीं उठाना चाहिए। हम सभी अपने देश को प्यार करते हैं और कोई भी देश-द्रोही नहीं है।
बनर्जी ने केन्द्र सरकार पर जोरदार हमला किया और भोपाल के कथित एनकाउंटर में सिमी आतंकियों के मारे जाने, राहुल गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हिरासत में लेने, एनडीटीवी इंडिया पर प्रतिबंध लगाने जैसी घटनाओं की तुलना आपातकाल से की।
राजनीति पर नजर रखने वालों का कहना है कि गांधी को हिरासत में लिये जाने पर मोदी सरकार की आलोचना करके ममता ने फिर से कांग्रेस की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाने का परोक्ष प्रयास किया है। कांग्रेस के नेता ने संपर्क करने पर कहा, व्यक्तिगत तौर पर मुझे लगता है कि हम सबको भाजपा के खिलाफ एकजुट हो जाना चाहिये और मुझे तृणमूल कांग्रेस के प्रस्ताव से कोई समस्या नहीं है। लेकिन पार्टी की नीति और हमारे समर्थन का अंतिम निर्णय पार्टी का हाईकमान ही लेगा।
जद :यू: के मुख्य महासचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता के सी त्यागी ने कहा, हमने पहले भी ममता बनर्जी का समर्थन किया था और उन्होंने भी हमारा समर्थन किया था। यदि ममता दी की ओर से कोई धर्मनिरपेक्ष मोर्चा बनाया जाता है, तो जद :यू: इसका भागीदार बनकर खुशी महसूस करेगा। कांग्रेस समेत सभी धर्मनिरपेक्ष और समान विचारधारा के दलों को भाजपा और इसकी सांप्रदायिक राजनीति के खिलाफ मिलकर लड़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा, भाजपा और संघ की सांप्रदायिकता धर्मनिरपेक्ष भारत के विचार के लिए खतरा है। त्यागी के बयान से सहमति जताते हुए सपा के महासचिव अमर सिंह ने कहा, हम ममता के बयान का स्वागत करते हैं। उन्होंने जो भी कहा है वह बिल्कुल ठीक है। उनके साथ हमारे रिश्ते बहुत सौहार्दपूर्ण हैं। उन्होंने कहा, सभी धर्मनिरपेक्ष पार्टियों के लिए लव-जिहाद, गौ रक्षा और घर वापसी जैसी सांप्रदायिक राजनीति करने वाली पार्टियों के खिलाफ एकजुट होने का समय आ गया है।
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता ने कहा, हमारे नेता अरविंद केजरीवाल और तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता दी के रिश्ते बहुत सौहार्दपूर्ण हैं, लेकिन इस प्रकार के नीतिगत निर्णय पार्टी हाईकमान की ओर से लिये जाएंगे। हालांकि भाजपा ने इस प्रकार की कार्रवाई का उपहास करते हुये कहा कि बनर्जी को राष्ट्रीय राजनीति के सपने देखने से पहले अपने राज्य पर ध्यान देना चाहिये।
उन्होंने कहा, उन्हें राष्ट्रीय राजनीति में बड़ा किरदार निभाने का सपना देखना बंद कर देना चाहिये और अपने राज्य पर ध्यान केद्रिंत करना चाहिये। सबसे पहले उन्हें अपने राज्य को ठीक करना चाहिये।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, तृणमूल कांग्रेस और बनर्जी की तुष्टीकरण की राजनीति के कारण पश्चिम बंगाल जिहादियों की पनाहगाह बन गया है। राज्य के 12 जिलों में कानून एवं व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गयी है।
टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, हमारी सुप्रीमों ने जो कुछ भी कहा है, वह एक प्रस्ताव है, वह अन्य समान विचारधारा वाली पार्टियों से एकजुट होने का आवाहन है। हम देश के सभी धर्मनिरपेक्ष दलों और पार्टियों को एकजुट करना चाहते हैं। टीएमसी इसमें निर्णायक भूमिका निभाएगी और सभी धर्मनिरपेक्ष दलों को एकसाथ जोड़ने में मदद करेगी।
उन्होंने कहा कि अगले साल उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद पार्टी के राजनीतिक तेवर और अधिक आक्रामक हो जाएंगे। भाषा एजेंसी