Advertisement

समाजवादी परिवार में रार के बीच महागठबंधन की सुगबुगाहट

उत्तर प्रदेश के समाजवादी कुनबे में छिड़ी वर्चस्व की जंग के बीच सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) की अगुवाई में एक महागठबंधन बनने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है और आगामी पांच नवंबर को पार्टी के रजत जयन्ती कार्यक्रम में इस सिलसिले में कोई अहम एलान हो सकता है।
समाजवादी परिवार में रार के बीच महागठबंधन की सुगबुगाहट

सपा के प्रान्तीय अध्यक्ष शिवपाल यादव ने आज सभी लोहियावादी और चौधरी चरण सिंह वादी लोगों को एक मंच पर लाने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा, हम किसी भी कीमत पर सांप्रदायिक शक्तियों को हराना चाहते हैं। इसके लिए लोहियावादी और चौधरी चरणसिंहवादी लोगों को एक मंच पर लाना होगा। इस बीच, सपा सूत्रों ने बताया कि आगामी पांच नवंबर को आयोजित पार्टी के रजत जयन्ती समारोह में शिरकत के लिए चौधरी चरण सिंह के पुत्र राष्ट्रीय लोकदल अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह, जनता दल यूनाइडेट के अध्यक्ष बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जनता दल सेक्युलर प्रमुख पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा समेत सभी प्रमुख समाजवादी तथा चरणसिंहवादी नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है। सूत्रों के अनुसार सपा इस कार्यक्रम में अपना शक्ति प्रदर्शन करना चाहती है और इस मौके पर महागठबंधन का एलान होने के मजबूत संकेत हैं।

यह घटनाक्रम ऐसे वक्त हुआ है जब समाजवादी परिवार में चाचा शिवपाल सिंह यादव और उनके भतीजे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच वर्चस्व की लड़ाई अपने चरम पर है जिससे सपा परिवार के अंदर ही राजनीतिक संकट गहरा गया है। हालांकि, महागठबंधन का विचार कोई नया नहीं है। इससे पहले पिछले साल बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भी महागठबंधन बना था, जिसका नेतृत्व सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के हाथ में था। लेकिन ऐन वक्त पर सपा इस महागठबंधन से अलग हो गई थी। बाद में जनता दल यूनाइटेड और राष्ट्रीय जनता दल के महागठबंधन ने बिहार विधानसभा चुनाव में जोरदार जीत हासिल की थी। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद जोर-शोर से महागठबंधन के लिए सभी समाजवादियों से एक मंच पर आने की अपील करते रहे हैं। 

  Close Ad