शिवसेना ने पार्टी मुखपत्र सामना के एक संपादकीय में कहा, पाकिस्तान और चीन जैसे हमारे दुश्मन इस बात को सुनकर बहुत खुश हुए होंगे कि गोला-बारूद का बड़ा भंडार आग में खाक हो गया। पार्टी ने कहा कि युद्ध में भी इतना नुकसान नहीं होता। हमारी सरकार केवल मारे गये लोगों के लिए दुख प्रकट करती है और जांच का आदेश देती है। शर्म की बात है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामलों में ढिलाई है।
शिवसेना ने कहा, अगर सेना के जवान सीमा पर संघर्ष कर रहे हैं और उनके लिए पर्याप्त हथियार नहीं हैं तो कौन जिम्मेदार है? सरकार अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती। आग सामान्य नहीं थी और इसने कई संदेह और सवाल पैदा किये हैं। महाराष्ट में वर्धा जिले के पुलगांव में मंगलवार को एशिया के सबसे बड़े आयुधागार में से एक में लगी भयावह आग में कम से कम 18 जवानों की मौत हो गयी। सामना में यह भी लिखा गया है कि अगस्तावेस्टलैंड सौदे में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।