आतिशी ने खत में लिखा, ‘यह पत्र मैं उन दो लोगों के विचारों के प्रति कड़ी असहमति जताने के लिए लिख रही हूं, जिनका मैं बहुत आदर करती रही हूं, मैं अब भी दोनों का पूरा आदर करती रहूंगी, लेकिन मुझे नहीं लगता कि अब हमारे रास्ते एक रह सकते हैं। ’
आतिशी मारलेना को हटाए जाने के पीछे पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल और प्रशांत भूषण व योगेंद्र यादव का जारी विवाद है। मारलेना को पार्टी में लाने वाले योगेंद्र यादव ही थे, और अब इस खत से उन्होंने साफ करने की कोशिश की है कि वह अब किसके साथ हैं।
आतिशी ने संकेत दिए कि दोनों गुटों के बीच समझौते की कोशिशें इसलिए नाकाम रहीं, क्योंकि योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने अपनी जिद नहीं छोड़ीं। आतिशी ने खत में लिखा, ‘ वे दोनों, समझौते को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं थे।
उन्होंने लिखा, ‘ मेरे 'आप' में शामिल होने की एक वजह यही थी कि उस वक्त प्रशांत भूषण की वहां मौजूदगी मुझे आश्वस्त कर रही थी कि 'आप' पूंजीवाद और सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई के पथ पर चलती रहेगी, मेरा मानना है कि 'आप' आज भी वही है, जबकि प्रशांत जी उसके खिलाफ खड़े हैं,
आतिशी ने यहां तक लिखा कि ‘ समझौते के लिए संजय सिंह ने जो रास्ता बताया था वह रास्ता पार्टी के वरिष्ठ नेता शांति भूषण को स्वीकार नहीं था। इसपर उन्होंने अपने बेटे और आप नेता प्रशांत भूषण से कह दिया था कि अगर वह यह समझौता करेंगे तो वह ( शांति भूषण ) उनका (प्रशांत भूषण) घर छोड़ देंगे।‘ आतिशी ने लिखा कि योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने मुद्दे तो सही उठाए लेकिन बेहद गलत तरीके से।