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बिहार में चुनाव और राजद का अघोषित मुख्‍यालय बना रांची, रिम्स निदेशक के आवास पर लग रहा 'लालू दरबार'

राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्‍थान ( रांची) के निदेशक का पद खाली है मगर उनके आवास की रौनक इन दिनों बढ़ी हुई...
बिहार में चुनाव और राजद का अघोषित मुख्‍यालय बना रांची, रिम्स निदेशक के आवास पर लग रहा 'लालू दरबार'

राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्‍थान ( रांची) के निदेशक का पद खाली है मगर उनके आवास की रौनक इन दिनों बढ़ी हुई है। आवास के बाहर, आसपास, बिहार से आये हुए नेताओं की भीड़ है। कुछ दूसरे प्रदेशों की भी गाड़‍ियां हैं। दरअसल इस आवास में अभी पशुपालन घोटाला मामले में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद रह रहे हैं। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच इन्‍हें रिम्‍स के पेइंग वार्ड से हटाकर इसी केली बंगला में रखा गया है। बिहार में जल्‍द ही विधानसभा के चुनाव होने हैं। टिकट की चाहत रखने वाले लालू प्रसाद की परिक्रमा में लगे हैं।  केली बंगला की रौनक बढ़ने की वजह यही है। यह राजद का अघोषित मुख्‍यालय बना हुआ है।
 
लालू प्रसाद ने अपने छोटे पुत्र तेजस्‍वी यादव को ही राजनीतिक उत्‍तराधिकार सौंप रखा है। तेजस्‍वी बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष है। इसके बावजूद गठबंधन हो, सीटों का तालमेल हो या टिकट वितरण, लालू प्रसाद ही अंतिम रूप से हरी झंडी देते हैं। उम्‍मीदवारों को पार्टी का सिंबल भी लालू प्रसाद के हस्‍ताक्षर से ही जारी होता है। जाहिर है चुनाव के दौर में उम्‍मीदवार भी लालू प्रसाद के दरवाजे पर ही अर्जी लगाना बेहतर और कारगर समझते हैं। चुनाव करीब है तो दावेदारों द्वारा टिकट के लिए आवेदन, बायोडाटा दिये जाने का सिलसिला भी तेज हो गया है। पटना में तेजस्‍वी यादव के दरबार में भी ऐसे टिकटार्थियों की कतार लगी रहती है। उनके करीबी के अनुसार अभी पटना और मगध क्षेत्र से सर्वाधिक आवेदन आ रहे हैं। जानकार बताते हैं कि पटना से फिल्‍टर होकर सूची रांची आ रही है, अनेक आवेदन सीधा आ रहे हैं। भाजपा के प्रदेश प्रवक्‍ता प्रतुल शाहदेव कहते हैं कि हेमंत सरकार राजधर्म नहीं बल्कि लालू धर्म निभा रहे हैं। नियमों को ताक पर रख लालू प्रसाद निदेशक आवास से बिहार चुनाव की तैयारी में जुटे हैं। जेल मैनुअल का उल्‍लंघन का अनेक लोग रोजाना लालू प्रसाद से मिल रहे हैं। सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने सभी जेलों में अनिवार्य रूप से सीसीटीवी कैमरा लगाने का निर्देश दिया था, मगर निदेशक आवास में यह नहीं लगाया गया है।
 
प्रशासन परेशान, नहीं मिलने वाली राहत
 
वीआइपी कैदी लालू प्रसाद को लेकर प्रशासन की परेशानी बढ़ी हुई है। विवाद बिहार में पैदा होता है, असर यहां होता है। हाल ही लालू प्रसाद के बड़े पुत्र तेजप्रताप ने अभिभावक की भूमिका में रहने वाले राजद के वरिष्‍ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह के खिलाफ टिप्‍पणी कर दी तो लालू प्रसाद बेटे से नाराज हो गये और रांची तलब किया। तेजप्रताप रांची भी आये तो कोई पचास गाड़ि‍‍यों का काफिला था। भीड़ के कारण रिम्‍स परिसर में हंगामा हुआ तो लॉक डाउन के नियमों की अवहेलना कर बिना अनुमति आने और क्‍वारंटीन के नियमों का पालन नहीं करने पर विपक्ष के हंगामे के बाद प्रशासन को प्राथमिकी दर्ज करनी पड़ी। टिकटार्थियों की भीड़ बढ़ने लगी तो प्रशासन को नये सिरे से सख्‍ती को लेकर निर्देश जारी करना पड़ा। निदेशक बंगले पर तैनात सुरक्षाकर्मी करें भी तो क्‍या। लालू प्रसाद से मुलाकात के लिए शनिवार के दिन तीन लोगों की संख्‍या तय है। अन्‍य दिनों में विशेष परिस्थिति में जेल प्रशासन से अनुमति के बाद। भाजपा के रघुवर सरकार के शासन के दौरान इसका सख्‍ती से पालन हो रहा था। बदले माहौल और परवान चढ़ती चुनावी गतिविधियों के बीच जेल के नियमों का अनुपालन कठिन लग रहा है। राजद का सिंबल भी लालू प्रसाद के हस्‍ताक्षर से ही बंटना है, इसलिए आने वाले दिनों में भीड़ और बढ़ सकती है, प्रशासन को नियमों के अनुपालन के लिए चुनौती का सामना करना पड़ेगा। बिहार से लालू प्रसाद से मिलने कौन आ रहा है, किसने अनुमति ली, क्‍वारंटाइन के नियमों का पालन कौन कर रहा है पकड़ना कठिन है।
 
निदेशक आवास को ले पीआइएल
 
लालू प्रसाद की जेल यात्रा विवादों में रही है। 1998 में जब एक मामले में वे जेल गये थे तो बिहार सैन्‍य पुलिस के गेस्‍ट हाउस को ही जेल नोटिफाई कराकर वहीं रहे। उस समय बिहार में राजद की ही सरकार थी। अभी 2017 से वे झारखंड के रांची स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के कैदी हैं। मगर अधिकांश समय बीमारी के नाम पर रिम्‍स में ही गुजरा है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच बिहार का चुनाव करीब आया तो इसी दौरान उन्‍हें रिम्‍स निदेशक के तीन एकड़ में फैले बंगला में शिफ्ट कर दिया गया। झारखंड में भी सहयोगी पार्टी झामुमो की सरकार है ऐसे में लालू प्रसाद को ज्‍यादा परेशानी नहीं है। उन्‍हें निदेशक आवास में शिफ्ट किये जाने के खिलाफ मनीष कुमार ने झारखंड उच्‍च न्‍यायालय में एक जनहित याचिका दायर की है। मनीष कुमार के वकील मनोज टंडन ने अदालत से अनुरोध किया है कि लालू प्रसाद पशुपालन घोटाला मामले में सजायाफ्ता हैं इसलिए उन्‍हें निदेशक के बंगला के बदले बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल में रखा जाये।

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