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नीतीश कुमार का बड़ा बयान- बिहार में जानबूझकर हिंसा कराई गई, प्रशासन की विफलता नहीं

बिहार में रामनवमी जुलूस के बाद भड़की हिंसा को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा पर...
नीतीश कुमार का बड़ा बयान- बिहार में जानबूझकर हिंसा कराई गई, प्रशासन की विफलता नहीं

बिहार में रामनवमी जुलूस के बाद भड़की हिंसा को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होने बुधवार को दावा किया कि अब राज्य में हर जगह शांति है और अशांति जानबूझकर एक साजिश के तहत पैदा की गयी थी। जेडीयू प्रमुख ने कहा कि मामले की सच्चाई जल्द ही सामने आएगी। प्रदेश में अब हर तरफ शांति है।  हम दोनों जगहों नालंदा और रोहतास में स्थिति पर नजर रख रहे हैं, यह प्रशासन की विफलता नहीं थी। कुछ लोगों ने साजिश के तहत जानबूझकर यह अशांति पैदा की है।

भाजपा पर निशाना साधते हुए नीतीश कुमार ने कहा "कुछ दिनों में सच्चाई सामने आ जाएगी, पूरा देश जानता है की भाजपा नफरत और तृष्टिकरण की राजनीति करती है।" नीतीश कुमार की यह टिप्पणी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान के एक दिन बाद आई है। जहां दोनो तरफ से दावा किया जा रहा है की भाजपा उनके राज्यों में दंगा कराने के लिए गुंडों को ला रही है। भाजपा पर हमला बोलते हुए कुमार ने कहा कि रामनवमी पर सांप्रदायिक हिंसा गृह मंत्री अमित शाह की सासाराम की निर्धारित यात्रा के साथ हुई थी।

अमित शाह द्वारा दंगाइयों को उल्टा लटका देने वाले बयान पर सीएम नीतीश ने केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे का नाम लिए बिना भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 2017 में हम भाजपा के साथ थे। तब एक नेता (अश्विनी चौबे) के बेटा ने ही सांप्रदायिक तनाव कराया था। हम तो उसको भी गिरफ्तार करवाए थे।  2018 में भागलपुर के नाथनगर में हिंदू नव वर्ष को लेकर बाइक जुलूस के दौरान उपद्रव फैलाने मामले में अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत को बिहार पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

अमित शाह के नवादा में भाषण में उस वक्तव्य पर कि अब नीतीश कुमार के लिए दरवाज़े बंद हैं। इस पर नीतीश कुमार ने कहा, "उनका कौन-सा दरवाजा है? बिहार में पिछले दिनों वो जहां गए थे और जब हम वहां गए, तब कितने लोग थे, ये किसी से छिपा नहीं है, जनता किसके साथ है, पता चल रहा है. इसलिए हम उनकी बातों पर ज्‍यादा ध्यान नहीं देते हैं।

वहीं, बिहार के सीएम ने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर भी जमकर निशाना साधा, क्योंकि ओवैसी ने कई दिनों तक राज्य में फैली सांप्रदायिक अशांति को रोकने में नीतीश की स्पष्ट विफलता के लिए उनकी आलोचना की थी। नीतीश ने कहा, 'ओवैसी विपक्ष के भेष में बीजेपी को एजेंट के तौर पर सपोर्ट कर रहे हैं।'

31 मार्च को नालंदा के बिहारशरीफ और रोहतास जिले के सासाराम में झड़पें हुईं, जहां रामनवमी के जुलूस निकाले गए थे।  हिंसा के मद्देनजर जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है। अगले दो दिनों में छिटपुट हिंसा की खबरें आईं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का सासाराम दौरा रद्द कर दिया गया। रामनवमी हिंसा के सिलसिले में अब तक नालंदा में कम से कम 130 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और सासाराम में 43 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

इससे पहले, नीतीश कुमार ने कहा था कि घटनाएं "स्वाभाविक" नहीं थीं और उन्हें संदेह था कि एक "बाहरी हाथ" जानबूझकर राज्य में कानून व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है। भाजपा सासाराम और नालंदा हिंसा की जांच एनआईए से कराने की मांग कर रही है। भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने आरोप लगाया है कि मुसलमानों के वोट के लिए हिन्दुओं को पिटवाया जा रहा है।  वहीं बीजेपी पर हिंसा करवाने के आरोप पर एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान ने कहा कि इल्जाम लगाने से सरकार की जिम्मेदारी खत्म नहीं हो जाएगी। अगर इससे जुड़ा कोई तथ्य है तो सामने आना चाहिए।

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